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This Article is From May 22, 2020

बिहार: श्रमिक स्पेशल ट्रेन से आए मजदूरों के लिए प्लेटफॉर्म पर ही रख दिए गए खाने के पैकेट्स, मच गई धक्का-मुक्की

बिहार के समस्तीपुर स्टेशन अथॉरिटी की ओर से स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर ही मजदूरों के लिए खाने-पीने के पैकेट रख दिए गए थे, जिसे लेने के लिए उनके बीच होड़ मच गई.

बिहार: श्रमिक स्पेशल ट्रेन से आए मजदूरों के लिए प्लेटफॉर्म पर ही रख दिए गए खाने के पैकेट्स, मच गई धक्का-मुक्की
स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर ही मजदूरों के लिए खाने-पीने के पैकेट रख दिए गए थे.
समस्तीपुर:

आए दिन भर देशभर से प्रवासी मजदूरों को लेकर दिल दहलाने वाली खबरें आ रही हैं. इस महामारी में सबसे ज्यादा झेलने वाले प्रवासी मजदूर ही हैं. बिहार के समस्तीपुर का एक ऐसा ही वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें मजदूरों के सामने खड़ी खाने-पीने की समस्या बहुत ही हृदयविदारक तरीके से सामने आती है. अथॉरिटी की ओर से स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर ही मजदूरों के लिए खाने-पीने के पैकेट रख दिए गए थे, जिसे लेने के लिए उनके बीच होड़ मच गई.

इस वीडियो में देखा जा सकता है कि समस्तीपुर स्टेशन पर एक बड़ी भीड़ की संख्या में लोग. जो श्रमिक ट्र्रेनों से लाए गए प्रवासी मजदूर बताए जा रहे हैं, प्लेटफॉर्म की सीढ़ियों के पास जमीन पर रखे गए खाने-पीने के पैकेट्स उठाने के लिए आपस में धक्का-मुक्की कर रहे हैं. 

हालांकि, वीडियो में दिख रहा है कि कई लोगों ने अपना चेहरा ढंका हुआ है लेकिन इस दौरान खाने-पीने का सामान हासिल करने की जद्दोज़हद में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ी हुई हैं. जबकि कोरोनावायरस को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, फेस मास्क और लगातार हाथ धुलते रहना सबसे मुख्य बचाव में शामिल है. 

लगभग एक हफ्ते पहले ऐसी ही एक घटना कटिहार स्टेशन पर भी सामने आई थी. यहां खाने-पीने के पैकेट्स हासिल करने के लिए एक श्रमिक ट्रेन के यात्रियों के बीच झड़प हो गई थी. इस दौरान लोग खाना बांट रहे शख्स से खाने के पैकेट छीनते हुए नजर आए.

पिछले हफ्ते ही मध्य प्रदेश के जबलपुर की रेलवे अथॉरिटी ने बताया था कि मुंबई से बिहार के दानापुर जा रही एक श्रमिक ट्रेन में भूखे श्रमिकों ने प्लेटफॉर्म  पर एक खाने-पीने के पैकेज डिस्पेंस करने वाली वेंडिंग मशीन को तोड़ दिया था.

बता दें कि रेलवे देशभर से श्रमिकों को स्पेशल श्रमिक ट्रेनों से उनके गृह राज्य पहुंचा रहा है और रेलवे का दावा है कि उनके लिए खाने-पीने की व्यवस्था की गई है. हालांकि, ऐसी घटनाएं सामने आने के बाद रेलवे की ओर से की गई व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं.

कोविड-19 महामारी में अब प्रवासी मजदूरों के सामने नौकरी, घर के बाद अब जिंदा रहने की लड़ाई सामन है. वो किसी तरह अपने घर लौटना चाहते हैं. पब्लिक ट्रांसपोर्ट के बंद होने के चलते वो देश के इस कोने से दूसरे कोने तक पैदल ही यात्रा कर रहे हैं. उनकी इस दुर्दशा पर देशभर में बवाल मचने पर केंद्र सरकार ने उनके लिए स्पेशल श्रमिक ट्रेनों की व्यवस्था की है, लेकिन मजदूरों की समस्या जल्दी खत्म होती नहीं दिख रही.

वीडियो: पश्रमिकों के लिए बनाए गए स्क्रीनिंग केंद्रों के बाहर कई किलोमीटर लंबी क़तारें

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