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This Article is From Jul 18, 2013

बिहार मिड-डे मील हादसा : प्रिंसिपल, रसोइया पहले खुद खाएंगे भोजन

छपरा/पटना: छपरा के एक सरकारी स्कूल में मिड-डे मील खाने से 23 बच्चों की मौत हो जाने के बाद निशाने पर आई बिहार की नीतीश सरकार ने आज अखबारों में विज्ञापन देकर सभी स्कूलों के प्रिंसिपल और खाना बनाने वालों को निर्देश दिया है कि वे पहले खुद मिड-डे मील चखें और फिर बच्चों को खाना परोसें।

इस दर्दनाक घटना के दो दिन बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है और स्कूल की हेड मिस्ट्रेस तथा उसका पति फरार हैं। मिड-डे मील खाने से मरने वाले 23 बच्चों में 11 लड़के और 12 लड़कियां शामिल हैं। एक बच्चे को उसके घरवालों ने बिना पोस्टमॉर्टम के दफना दिया था।

छपरा में बच्चों की मौत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी हरकत में आया है। आयोग ने बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है और शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव और सारण के एसपी को चार हफ्ते में रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

छपरा के निवासियों का कहना है कि यह घटना इसलिए हुई, क्योंकि खाने का तेल कीटनाशक के डिब्बे में रखा गया था। वहीं नीतीश सरकार इस घटना के पीछे राजनीतिक साजिश देख रही है। वहीं नीतीश सरकार इस घटना के पीछे राजनीतिक साज़िश देख रही है।

बिहार के शिक्षामंत्री पीके शाही ने कहा कि सब्जी पकाने में इस्तेमाल तेल से दुर्गंध आ रही थी। चिकित्सकों को भोजन और उल्टी में जैविक फॉस्फोरस मिला है, इसका मतलब है कि बच्चों को जहरीला भोजन दिया गया। शाही ने राज्य सरकार के खिलाफ राजनीतिक षडयंत्र का भी आरोप लगाया।

शाही ने बताया कि स्कूल की रसोइया मंजू देवी ने बताया कि सब्जी बनाने के लिए उपलब्ध कराए गए वनस्पति तेल का रंग अलग था। कड़ाही में डालने पर उससे धुआं निकलने पर मीना देवी को बताया था तो उन्होंने बताया कि यह नया घर का पिराया हुआ तेल है और इसलिए उसका प्रयोग किया जाना चाहिए। मंजू देवी ने बताया कि उसके बाद उसने उसी तेल से सब्जी बनाई और खाने के क्रम में जब बच्चों ने सब्जी का स्वाद ठीक नहीं होने शिकायत की, तो उसने जब चखा, तो वह भी बीमार पड़ गई।

शाही ने कहा कि इस मामले विपक्षी दलों द्वारा साजिश किए जाने और इसके जरिये प्रदेश की वर्तमान सरकार को अस्थिर करने की कोशिश किए जाने से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके बारे में पुलिस जांच में पता लग पाएगा।

उन्होंने दावा किया कि इसे महज संयोग नहीं मानते, क्योंकि शिक्षिका का राजनैतिक पैरवी पर दूसरे स्थान से वहां प्रतिनियुक्त की गई और उनके पति का एक दल विशेष का सक्रिय कार्यकर्ता होना तथा उनके ही दुकान से सामग्री का खरीदा जाना तथा खाद्यान्न की आपूर्ति करने वाला ठेकेदार एक राजनेता का चालक सह-अंगरक्षक है।

शाही ने राजद द्वारा सारण जिला की बंदी की घोषणा की ओर इशारा करते हुए कहा कि जांच के दृष्टिकोण से यह दिन बहुत ही महत्वपूर्ण था, पर उसे अवरुद्ध करने के लिए सारण जिला मुख्यालय छपरा और मशरख में इस प्रकार का वातावरण बनाया गया कि पुलिस किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सके।

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