Bihar Assmbly Elections 2020: बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar Assmbly Polls) के पहले सियासी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. वरिष्ठ बीजेपी नेता और राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी (Sushil Kumar Modi) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने अपने चुनावी शपथ पत्र में ढेर सारी जानकारी छिपाई हैं. सुशील मोदी ने एक संवादाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह आरोप लगाया. गौरतलब है कि विधानसभा के नेता प्रतिबंध और महागठबंधन के सीएम पद के दावेदार तेजस्वी ने राघोपुर सीट से नामांकन दाखिल किया है. राज्य में सत्ता के लिए जेडीयू-बीजेपी गठबंधन का आरजेडी-कांग्रेस के महागठबंधन से मुकाबला है. सुशील मोदी ने कहा कि तेजस्वी के शपथ पत्र में चार करोड़ 10 लाख रुपये का ऋण देने की बात कही गई है लेकिन यह जिक्र नहीं है कि इस राशि का लोन किस कंपनी को दिया गया और इसका पैसा कहां से आया.
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मोदी के अनुसार, तेजस्वी ने वर्ष 2015 के एफिडेविट में दिखाया था कि उन्होंने एक करोड़ सात लाख रुपये का लोन किसी भारतीय कंपनी को दिया, बिना किसी नौकरी/व्यवसाय के उनके पास इतना पैसा कहा से आ गया कि उन्होंने किसी को चार करोड़ 10 लाख रुपये का ऋण दे दिया.सुशील मोदी ने यह भी कहा कि रघुनाथ झा और कांति सिंह से टिकट/मंत्री पद के बदले में गिफ्ट में मिली संपत्ति को तेजस्वी खरीद की संपत्ति बता रहे हैं. बीजेपी नेता के अनुसार, रघुनाथ झा (अब स्वर्गीय) ने 2005 में गोपालगंज में एनएच के पास दो मंजिला मकान 15 वर्ष की आयु में तेजस्वी और तेजप्रताप को गिफ्ट कर दिया था, इसी तरह कांति सिंह ने 2005 में पटना के चितकोहरा में मकान गिफ्ट किया था लेकिन एफिडेविट में गोपालगंज के दो मंजिला मकान को केवल ग्राउंड फ्लोर का दिखाया गया. मोदी के अनुसार, जो संपत्ति गिफ्ट में मिली है उसे 2005 में खरीदा हुआ बताया जा रहा है. सवाल यह उठता है कि 31 साल की उम्र में तेजस्वी 52 और तेजप्रताप 28 से ज्यादा संपत्ति के मालिक कैसे बन गए जबकि कोई पुश्तैनी संपत्ति नहीं थी.
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मतदान की तारीख नजदीक आने के साथ नेता प्रचार में जुट गए है. उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील मोदी ने आज औरंगाबाद की एक सभा में कहा कि रात के अंधेरे में कोई आपका वोट ख़रीदने आए तो पैसा भी ले लीजिए लेकिन वोट राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार को ही दीजिए.
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