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This Article is From Nov 10, 2020

Bihar Election Results : चिराग पासवान के 'गेम' के चलते तीसरे पायदान पर पहुंच गए नीतीश कुमार

चुनाव डेस्क का डेटा दिखाता है कि अगर नीतीश कुमार की जेडीयू के हर उम्मीदवार को चिराग पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार का सामना नहीं करना पड़ता तो इन चुनावों में वो सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती थी.

Bihar Election Results : चिराग पासवान के 'गेम' के चलते तीसरे पायदान पर पहुंच गए नीतीश कुमार
Bihar Election Results : चिराग पासवान का बिहार में बड़ा गेम.
नई दिल्ली:

Bihar Assembly Election Results : बिहार विधानसभा चुनावों में चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने बिहार में बड़ा गेम खेला है. चिराग की रणनीति के आगे नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उनकी पार्टी बिहार में तीसरे नंबर पर पहुंच गई है. NDTV के चुनावी डेस्क (NDTV Election Desk) के विश्लेषण दिखाते हैं कि अगर चिराग पासवान ने नीतीश कुमार का इतना जोर-शोर से विरोध नहीं किया होता तो एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने का नीतीश का सपना उनकी सहयोगी बीजेपी पर इसकदर निर्भर नहीं करता. 

यह रिपोर्ट पब्लिश किए जाने तक, बीजेपी को अभी राज्य में सबसे ज्यादा सीटें मिलती हुई दिखाई दे रही हैं. वहीं, विपक्षी नेता तेजस्वी यादव रनर-अप बनते दिख रहे हैं. नीतीश कुमार की पार्टी तीसरे नंबर पर बनी हुई है, जो कि उसके पहले के प्रदर्शन के आगे कुछ नहीं है.

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चुनाव डेस्क का डेटा दिखाता है कि अगर नीतीश कुमार की जेडीयू के हर उम्मीदवार को चिराग पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार का सामना नहीं करना पड़ता तो इन चुनावों में वो सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती थी. कभी नीतीश कुमार के करीबी रहे और पार्टी से निकाले जा चुके पवन वर्मा ने कहा कि 'ऐसा लगता है कि बीजेपी नीतीश कुमार को अपना जूनियर पार्टनर बनाने में कामयाब हो गई है- जोकि चिराग पासवान के मूव के पीछे की मंशा थी.'

कई चुनावी विश्लेषकों और बीजेपी के आलोचकों का ऐसा मानना है कि बीजेपी ने अपने एक सहयोगी चिराग पासवान का इस्तेमाल दूसरे सहयोगी के वोटबैंक में सेंध लगाने में किया है. चिराग पासवान के वोटकटवा रोल से बीजेपी को पहली बार नीतीश के साथ रहे खट्टे-मीठे गठबंधन में अपनी भूमिका बदलने का मौका मिला है.  पार्टी ने बहुत स्पष्ट तरीके से उस व्यक्ति की हैसियत कम कर दी है, जिसने कभी कहा था कि उसका नरेंद्र मोदी से कोई लेना-देना नहीं होगा, जो उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री थे. नरेंद्र मोदी से मुलाकात न करने के बहाने कभी नीतीश कुमार ने पटना में एक डिनर पार्टी कैंसल कर दी थी. अब आज जब उनके पास फिर मुख्यमंत्री बनने का मौका है, तो वो बीजेपी की और पीएम मोदी की बार-बार अपील की वजह से है.

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बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने NDTV से बातचीत में कहा था कि 'हम शाम तक सरकार गठन और नेतृत्व को लेकर फैसला लेंगे.' उनके इस बयान से ऐसा लगा कि यह भी हो सकता है कि नीतीश कुमार गठबंधन से मुख्यमंत्री न चुने जाएं. हालांकि, बीजेपी नेता ने यह भी कहा कि वादे के मुताबिक नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री चुने जाएंगे.

यह सच है कि चिराग पासवान की ओर से यह वादे-इरादे दिखाए जाने के बावजूद कि वो नीतीश कुमार को चोट पहुंंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और ऐसी स्थिति होगी कि वो बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे, पीएम मोदी सहित बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने भी बार-बार नीतीश को ही मुख्यमंत्री बनाए जाने की घोषणा की. नीतीश ने चिराग के हमलों को लेकर नाराजगी दिखाई थी, इसी के चलते वो पटना में हुई बीजेपी के साथ एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी काफी देरी से पहुंचे थे.

हालांकि, सार्वजनिक रूप से न तो पीएम ने, न किसी वरिष्ठ बीजेपी नेता ने चिराग पासवान के इस मिशन को लेकर कुछ नहीं कहा. ऐसे में इसे इस तरह लिया जा रहा था कि बीजेपी चिराग पासवान का गारंटर बनी हुई है. 

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