बिहार विधान सभा चुनाव (Bihar Assembly Elections 2020) के नतीजे चौंकाने वाले रहे हैं. नीतीश कुमार की सरकार के पांच मंत्री चुनाव हार गए हैं. इनके अलावा सत्तारूढ़ गठबंधन एनडीए के कई विधायक भी चुनाव हार गए हैं. चुनावों से ऐन पहले राजद छोड़कर जेडीयू में शामिल होने वाले लालू यादव के समधी चंद्रिका राय भी अपनी पुश्तैनी सीट परसा से चुनाव हार गए हैं. वो राजद सरकार में मंत्री रह चुके हैं और भूतपूर्व मुख्यमंत्री दारोगा राय के बेटे हैं. नीतीश सरकार के जिन मंत्रियों ने चुनाव हारा उनमें इनके नाम शामिल हैं-
जयकुमार सिंह: रोहतास जिले की दिनारा सीट से राज्य के सहकारिता मंत्री जय कुमार सिंह चुनाव हार गए हैं. उन्हें राजद के विजय कुमार मंडल ने हराया. मंडल को कुल 59,541 वोट मिले जबकि दूसरे नंबर पर लोजपा उम्मीदवार और बीजेपी के बागी राजेंद्र सिंह रहे. उन्हें 51,313 वोट मिले. मंत्री जयकुमार सिंह 27,252 वोट के साथ तीसरे नंबर पर रहे. साल 2015 में जयकुमार सिंह राजद-जेडीयू महागठबंधन में मात्र 2691 वोटों के अंतर से जीते थे.
सुरेश कुमार शर्मा: मुजफ्फरपुर विधान सभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार और नीतीश सरकार में नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा भी चुनाव हार गए हैं. महागठबंधन की तरफ से कांग्रेस के विजेंद्र चौधरी ने उन्हें छह हजार वोटों के अंतर से हराया. कांग्रेस उम्मीदवार को 81 हजार वोट मिले जबकि मंत्री शर्मा को करीब 75 हजार वोट मिले. 2015 में सुरेश शर्मा ने विजेंद्र चौधरी को हराया था, तब चौधरी जेडीयू के उम्मीदवार थे. सुरेश शर्मा इस सीट से चार बार विधायक चुने जा चुके हैं.
'यह नरेंद्र मोदी की जीत है', बिहार चुनाव नतीजों पर बोले चिराग पासवान
कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा: जहानाबाद सीट से नीतीश सरकार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा भी चुनाव हार गए हैं. उन्हें राजद के सुदय यादव ने हराया है. जहानाबाद से टिकट मिलने पर वर्मा का लोग विरोध कर रहे थे. उनसे शिक्षक वर्ग नाराज था. 2015 में वर्मा ने घोसी सीट से चुनाव जीता था लेकिन इस बार उनकी सीट बदल दी गई थी. सुदय यादव के पिता मुंद्रिका यादव 2015 में यहां से राजद के टिकट पर जीते थे. उनके निधन के बाद उप चुनाव में सुदय ने जीत दर्ज की थी.
संतोष कुमार निराला: नीतीश सरकार में परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला बक्सर जिले की राजपुर सुरक्षित सीट से चुनाव हार गए हैं. उन्हें कांग्रेस के विश्वनाथ राम ने करीब 20 हजार वोटों के अंतर से हराया. 1991 में बहुजन समाज पार्टी से करियर शुरू करने वाले संतोष निराला ने बाद में जेडीयू का दामन थाम लिया था.
बिहार की जनता ने खोखलेवादे, जातिवाद और तुष्टिकरण की राजनीति को सिरे से नकारा : अमित शाह
रामसेवक सिंह: एनडीए सरकार में कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह हथुआ सीट से जेडीयू प्रत्याशी थे. उन्हें भी चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है. राजद के राजेश कुमार सिंह ने उन्हें 30 हजार मतों के अंतर से हराया, राजद को यहां से 86, 731 वोट मिले, जबकि रामसंवक सिंह को 56,204 वोट मिले. सिंह पहले लगातार दो बार इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं