
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की इच्छा है कि एक बार वे भी राज्यसभा जाएं. सीएम नीतीश कुमार बुधवार को विधानसभा में अपने चेम्बर में पत्रकारों से अनौपचारिक रूप से बात कर रहे थे. नीतीश ने कहा कि अब तक वह राज्यसभा के सदस्य नहीं बने और इसी बातचीत में उन्होंने ये भी कहा कि देखिए कब यहां से मुक्ति मिलेगी.
नीतीश से जब पूछा गया कि इन दिनों जो वे अपने पुराने लोकसभा क्षेत्र में बाढ़ का दौरा कर रहे हैं तो क्या आने वाले लोकसभा चुनाव में एक बार फिर नालंदा से उम्मीदवार हो सकते हैं तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं और ये दौरा 2019 से प्रस्तावित था, लेकिन पिछले दो सालों में कोरोना के कारण संभव नहीं हो पाया. इसी क्रम में जब उनसे पूछा गया कि क्या राज्य सभा जाएंगे तो उन्होंने कहा कि ऐसी इच्छा है, लेकिन फ़िलहाल तो यहां की बागडोर की ज़िम्मेवारी है.
नीतीश बिहार विधानसभा के लिए दो बार 1985 में पहली बार और 1995 में दूसरी बार जीते और लोक सभा बाढ़ संसदीय क्षेत्र से 1989 , 1991, 1996, 1998 , 1999 और नालंदा से 2004 में जीते थे. जब 2005 नवंबर में जब मुख्य मंत्री चुने गए तब उन्होंने विधान परिषद की सदस्यता ली. वहीं उनके साथ उपमुख्यमंत्री रहे सुशील मोदी और अब राजनीतिक विरोधी लालू यादव दोनों विधानसभा , विधान परिषद , लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य रहे हैं.
नीतीश ने अपने मन की बात कर निश्चित रूप से राजनीतिक अटकलों को तेज कर दिया है, क्योंकि माना जाता हैं कि अगर उप-राष्ट्रपति बनने का ऑफ़र भाजपा दे तो उनका राज्यसभा जाने का सपना पूरा हो सकता है. नीतीश ने बुधवार को बोचहां विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने का भी ऐलान किया. इसके लिए भाजपा के नेताओं ने उन्हें विधिवत आमंत्रित किया है.
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