Bihar Election 2020: बिहार के पुलिस महानिदेशक (DGP) के पद से वायलेंटरी रिटायरमेंट लेकर राजनीति में आए पूर्व आईपीएस गुप्तेश्वर पांडेय (Gupteshwar Pandey) को फिलहाल निराशा ही हाथ लग रही है. गुप्तेश्वर पांडेय को बीजेपी से टिकट नहीं मिला है. इससे पहले जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवारों की सूची में भी उनका कहीं नाम नहीं था. वे बक्सर से बीजेपी का टिकट चाहते थे. गुप्तेश्वर पांडेय ने पिछले माह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले ली थी. उन्होंने वीआरएस के लिए आवेदन दिया था जिसको तुरंत ही स्वीकृति मिल गई. बताया जाता है कि यह कदम उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के निर्देश पर अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने के लिए उठाया. केंद्र ने तुरंत ही उनके वीआरएस को स्वीकार कर लिया. इसके बाद उनके विधानसभा चुनाव लड़ने की पूरी संभावनाएं जताई जा रही थीं.
गुप्तेश्वर पांडेय ने सेवानिवृत्ति के दो दिन बाद ही घोषणा की थी कि अगर मौका मिला तो वे चुनाव लड़ेंगे क्योंकि वे राजनीति को लोगों की सेवा करने का सबसे बड़ा मंच मानते हैं. सोशल मीडिया पर "मेरी कहानी मेरी जुबानी" शीर्षक के तहत लोगों के साथ संवाद करते हुए गुप्तेश्वर पांडे ने कहा, 'अगर मौका मिला और इस योग्य समझा गया कि मुझे राजनीति में आना चाहिए तो मैं आ सकता हूं लेकिन वे लोग निर्णय करेंगे जो हमारी मिट्टी के हैं, बिहार की जनता है और उसमें पहला हक तो बक्सर के लोगों का है जहां मैं पला—बढ़ा हूं.' उन्होंने कहा, 'राजनीति में आने का अब मेरा मन हो गया है. अब स्थिति ऐसी बन गई है कि मुझे लगता है कि अब इसमें आ जाना चाहिए.'
गुप्तेश्वर पांडेय चूंकि नीतीश कुमार से प्रेरित होकर राजनीति में आए हैं इसलिए उनके जेडीयू में शामिल होकर उसी के टिकट पर चुनाव लड़ने की प्रबल संभावनाएं जताई जा रही थीं लेकिन जेडीयू के उम्मीदवारों की सूची में उनका नाम नहीं है.
पांडेय ने अपनी ेक फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि ''अपने अनेक शुभचिंतकों के फ़ोन से परेशान हूँ. मैं उनकी चिंता और परेशानी भी समझता हूँ. मेरे सेवामुक्त होने के बाद सबको उम्मीद थी कि मैं चुनाव लड़ूँगा लेकिन मैं इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा. हताश निराश होने की कोई बात नहीं है. धीरज रखें. मेरा जीवन संघर्ष में ही बीता है. मैं जीवन भर जनता की सेवा में रहूँगा. कृपया धीरज रखें और मुझे फ़ोन नहीं करे. बिहार की जनता को मेरा जीवन समर्पित है. अपनी जन्मभूमि बक्सर की धरती और वहाँ के सभी जाति मज़हब के सभी बड़े-छोटे भाई-बहनों माताओं और नौजवानों को मेरा पैर छू कर प्रणाम! अपना प्यार और आशीर्वाद बनाए रखें !''
अपने अनेक शुभचिंतकों के फ़ोन से परेशान हूँ। मैं उनकी चिंता और परेशानी भी समझता हूँ। मेरे सेवामुक्त होने के बाद सबको...
Posted by Gupteshwar Pandey on Wednesday, October 7, 2020
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने बुधवार को 115 उम्मीदवारों की सूची जारी की है. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने सभी उम्मीदवारों की सूची जारी करते हुए संवाददाताओं से कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में बिहार विधानसभा चुनावों के लिए जदयू को 122 सीटें मिली हैं. उन्होंने कहा ‘‘इसमें से 115 सीट पर जदयू और सात सीटों पर सहयोगी जीतन राम मांझी की हम पार्टी चुनाव लड़ रही है.''
उन्होंने कहा, ‘‘ पार्टी ने 115 प्रत्याशियों की सूची जारी की है जिसमें सभी समाजों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया है और हमारे संकल्प के अनुसार इसमें महिलाओं को विशेष जगह दी गई है.'' सिंह ने कहा ‘‘ हम चुनाव गठबंधन के साथ लड़ रहे हैं तथा सेवा भाव ले कर लोगों के बीच जा रहे हैं. '' उन्होंने कहा कि जेडीयू सरकार की प्राथमिकता सभी वर्ग और समुदाय को साथ लेकर चलने की तथा पिछड़ों को आगे ले कर आने की है.
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा, ‘‘ हम वादों पर नहीं बल्कि अपने काम के आधार पर वोट मांगते हैं. हमें विश्वास है कि हम सेवा और अपने कार्यों के दम पर भारी मतों से जीतेंगे .'' सिंह ने कहा कि किसी भी सरकार ने पर्यावरण को एजेंडे में रखने पर विचार नहीं किया ‘‘लेकिन हमने बिहार में वह कर दिखाया है.'' गौरतलब है कि एक दिन पहले ही बिहार विधानसभा चुनाव के लिये राजग में सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दिया गया था जिसके तहत भाजपा को 121 सीटें मिली जबकि जद(यू) के हिस्से में 122 सीटें आईं .
जेडीयू ने अपने खाते से जीतनराम मांझी की ''हम'' पार्टी को सात सीटें दी हैं. वहीं, भाजपा ने वीआईपी पार्टी को राजग में अपने कोटे की 121 सीटों में से 11 सीटें देने की घोषणा की है.
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