
Domicile in Bihar government : बिहार के CM नीतीश कुमार ने बीते दिनों में 'डोमिसाइल नीति' की घोषणा है, जिसके बाद राज्य की राजनीति में सियासत में हलचल मच गई है. विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार का यह ऐलान चुनावी मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है. राजीनीति के जानकारों का कहना है कि इससे नीतीश कुमार को आगामी चुनाव में बड़ा फायदा हो सकता है, जिसका तोड़ विपक्ष के लिए खोजना मुश्किल हो सकता है. डोमिसाइल नीति की घोषणा शिक्षक भर्ती के लिए है. इसके तहत शिक्षा विभाग के अधीन अध्यापक नियुक्तियों में 98 प्रतिशत सीट बिहार के लोगों के लिए आरक्षित होंगी.
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मुख्यमंत्री ने डोमिसाइल नीति की घोषणा करते हुए कहा कि राज्य के युवा काफी समय से इस मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे. ऐसे में अब सरकार ने उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए यह निर्णय लिया है. डोमिसाइल नीति TRE 4 और 5 में लागू किया जाएगा. यानी अब शिक्षक भर्ती में बिहार के 98% स्थायी निवासी को मौका मिलेगा.
नवम्बर 2005 में सरकार बनने के बाद से ही हमलोग शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार काम कर रहे हैं। शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण हेतु बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है।
— Nitish Kumar (@NitishKumar) August 4, 2025
शिक्षकों की बहाली में बिहार के निवासियों (DOMICILE) को प्राथमिकता देने हेतु शिक्षा विभाग को…
ऐसे में आइए समझते हैं डोमिसाइल निति क्या है, इसे बनवाने क्यों जरूरी है और इसके फायदे क्या-क्या हैं.
डोमिसाइल नीति क्या है - What is domicile policy
- किसी राज्य में अगर डोमिसाइल लोगू होता है तो सरकारी नौकरी के लिए होने वाली भर्ती परीक्षाओं में राज्य के लोगों को आरक्षण और प्राथमिकता मिलती है.
- इस नीति के लागू होने से अब केवल बिहार का वोटर ही सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकेगा.
- इस नीते के लागू होने के बाद केवल वही अभ्यर्थी राज्य में होने वाली भर्ती परीक्षाओं में बैठ सकेंगे, जिनके पास डोमिसाइल सर्टिफिकेट होगा.
- आपको बता दें कि डोमिसाइल नीति लागू होने के बाद बिहार में होने वाली शिक्षक भर्ती में बिहार के उम्मीदवारों को बड़ा फायदा होने वाला है.
डोमिसाइल के लिए पात्रता क्या है - What is the eligibility for domicile
- इस सर्टिफिकेट को बनवाने के लिए आवेदक को कम से कम तीन साल तक राज्य या केंद्रशासित प्रदेश में रहना जरूरी है या माता-पिता राज्य के स्थायी निवासी हों. लेकिन आपको बता दें कि हर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश के लिए डोमिसाइल बनवाने के नियम अलग हो सकते हैं.
डोमिसाइल सर्टिफिकेट बनवाना क्यों है जरूरी - Why is it necessary to get a domicile certificate
डोमिसाइल सर्टिफिकेट (Domicile Certificate) एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो यह प्रमाणित करता है कि आप किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के स्थायी निवासी हैं. इससे आपको राज्य सरकार की योजनाओं, छात्रवृत्ति, नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में विशेष लाभ मिलता है.
डोमिसाइल से जुड़े सवाल और उनके जवाब - Domicile related questions and answers
डोमिसाइल बनवाने के लिए क्या चाहिए डॉक्यूमेंट- पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी, या ड्राइविंग लाइसेंस)
- पता प्रमाण (बिजली बिल, बैंक स्टेटमेंट, किराया समझौता, या राशन कार्ड) इसके अलावा जन्म प्रमाणपत्र, स्कूल छोड़ने का प्रमाणपत्र)
- स्व-घोषणा के साथ आवेदन पत्र, दो पासपोर्ट साइज फोटो, शपथ पत्र (अगर लागू है तो)
क्या डोमिसाइल दो राज्यों का हो सकता है?
नहीं, एक व्यक्ति का केवल एक ही निवास प्रमाण पत्र बन सकता है.
डोमिसाइल सर्टिफिकेट बनने में कितने दिन लगता है?सारे दस्तावेजों के सत्यापन के बाद लगभग 7 से 15 दिन में निवास प्रमाण पत्र प्राप्त होता है.
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