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This Article is From Nov 02, 2020

चुनाव में अपराधी: बिहार में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं, 32 फीसदी उम्मीदवार दागी

Bihar Election 2020: सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी 2020 को सभी दलों को आदेश दिया था कि वे अपने उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि और उन्हें क्यों चुना गया, इसकी जानकारी सार्वजनिक करें

चुनाव में अपराधी: बिहार में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं, 32 फीसदी उम्मीदवार दागी
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

Bihar Election 2020: बिहार चुनावों में इस बार 2015 के मुकाबले दागी उम्मीदवारों की संख्या ज्यादा है. इस बार बिहार में 32 प्रतिशत उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. मर्डर, रेप और किडनेपिंग जैसे जघन्य अपराधों के मामले 25 प्रतिशत उमीदवारों के खिलाफ दर्ज हैं. जेल में बंद बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह की पत्नी लवली आनंद और उनके बेटे चेतन आनंद, दोनों ही इस बार चुनाव मैदान में हैं. हालांकि इन चुनावों मैं ऐसे लोग भी बड़ी तादाद में हैं जिनके खिलाफ सीधे आरोप हैं. 

ADR और इलेक्शन वॉच की तरफ से जारी ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के चुनाव में बाहुबलियों का बोलबाला है. साल 2020 के चुनावों में 3722 उम्मीदवारों में से 1201 (32 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले डिक्लेयर किए हैं. सन 2015 के चुनाव में आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों की संख्या 30% थी. मर्डर, किडनेपिंग और रेप जैसे जघन्य आपराधिक मामलों के आरोपी उम्मीदवारों की संख्या 2015 में 23% थी जो 2020 में बढ़कर 25% हो गई है.

आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की संख्या में ऐसे समय पर बढ़ोतरी दर्ज़ हुई है जब सुप्रीम कोर्ट ने इसे रोकने के लिए पहल की. सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी 2020 को सभी राजनीतिक दलों को आदेश दिया था कि वह चुनाव में अपने उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी और उन्हें क्यों चुना गया, इसकी जानकारी अपनी वेबसाइट पर, स्थानीय अख़बारों और सोशल मीडिया में सार्वजनिक करें. लेकिन इसका बिहार चुनावों में कोई असर नहीं हुआ.

इलेक्शन वॉच के संस्थापक जगदीप छोकर ने सोमवार को कहा कि "मेरे हिसाब से सुप्रीम कोर्ट के 13 फरवरी के आदेश का पालन बिल्कुल नहीं हो रहा है. बहुत कम ही पार्टियों ने अपराधियों को टिकट देने का कारण सार्वजनिक तौर पर बताया है. एक पार्टी ने कहा है कि उसके 5-7  आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों ने कोविड-19 के दौरान अच्छा काम किया है. यह कारण कैसे जस्टिफाई हो सकता है?"

मंगलवार को हो रहे दूसरे चरण के चुनाव में तो 1463 में से 502, यानी 34% उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं. सात नवम्बर को होने वाले चुनाव के तीसरे चरण में कांग्रेस और बीजेपी दोनों के सबसे ज्यादा 76% उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं. तीसरे चरण की 78 सीटों में से 72 सीटें यानी 92% रेड अलर्ट चुनाव क्षेत्र हैं जहां तीन या उससे ज्यादा उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं.

जगदीप छोकर ने कहा कि "हम इस मामले (बिहार चुनावों में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन) को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेंगे. गंभीर आपराधिक मामलों वाले नेताओं के चुनाव में भाग लेने पर रोक लगनी चाहिए. ये मांग सुप्रीम कोर्ट में की जाएगी." 

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