कोरोना महामारी की दूसरी लहर (Corona Second Wave) के चलते लगे लॉकडाउन (Lockdown) और फिर यास तूफान (Yaas Cyclone) के कहर ने बिहार के किसानों (Bihar Farmers) को बुरी तरह प्रभावित किया है. बिहार में मक्का की खेती के लिए प्रसिद्ध कटिहार के किसानों का बुरा हाल है. कटिहार के बरारी, कुर्सेला, सेमापुर, दलन, कोढ़ा और फलका प्रखंड के लगभग पूरे इलाके में यास तूफान से किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ा है.
बुंदेलखंड में दलित युवक ने अपनी बारात में घोड़ी चढ़ने के लिए पुलिस से मांगी मदद
कटिहार के इन इलाकों में हर साल मक्का का अच्छा उत्पादन होता है. इस इलाके के किसानों के लिए मक्का को डायमंड दान कहा जाता है. लेकिन यास तूफान ने किसानों की मक्का की खड़ी फसल को बर्बाद कर दिया. खेतों से मक्का निकालने से पहले ही यास तूफान की दस्तक ने पूरी फसल को बर्बाद कर दिया.
किसानों की मानें तो उन लोगों ने निजी स्तर पर ब्याज पर रुपया लेकर बड़े पैमाने पर मक्का की खेती की थी. ऐसे में मक्का के खेती की बर्बादी का असर उन लोगों के जीवनशैली पर सीधे तौर पर प्रभाव डालेगा. यास तूफान से हुए नुकसान को लेकर मक्का किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है.
गूगल ने 'कन्नड़' को बताया 'सबसे भद्दी भाषा', नाराजगी बाहर आने पर मांगी माफी
सरकार की तरफ से किसानों को अभी तक मुआवजे को लेकर कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है. वहीं, कृषि विभाग के अधिकारियों ने मक्का की खेती के नुकसान की सर्वे की बात कही है. सर्वे के बाद राज्य सरकार को फसल के बर्बादी की रिपोर्ट सौंपी जाएगी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं