विज्ञापन
This Article is From Apr 29, 2020

लॉकडाउन में फंसे लोगों को बड़ी राहत- प्रवासी मजदूरों, छात्रों और सैलानियों को घर लौटने की सरकार ने दी इजाजत

लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूर, छात्र और सैलानी अब अपने राज्य में जा सकेंगे. हालांकि इसके लिए राज्य की सहमति की जरूरत होगी.

Lockdown में फंसे मजदूरों को सरकार की तरफ से बड़ी राहत.

नई दिल्ली:

देश में जारी कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार ने लॉकडाउन में फंसे लोगों को बड़ी राहत दी है. लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूर, छात्र, तीर्थयात्री और सैलानी अब अपने राज्य जा सकेंगे. हालांकि इसके लिए राज्य की सहमति की जरूरत होगी. गृह मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए दिशा निर्देश के अनुसार दूसरे राज्यों में जाने की इजाजत सिर्फ बसों के माध्यम से ही मिलेगी और घर पहुंचने के बाद उन्हें क्वारंटाइन में रहना होगा. 

गृह मंत्रालय की तरफ से जारी दिशा निर्देश के अनुसार सभी राज्यों को फंसे हुए लोगों को भेजने, अपने यहां बुलाने के लिये नोडल प्राधिकारी नियुक्त करने होंगे और मानक प्रोटोकॉल तैयार करना होगा. नोडल अधिकारी अपने राज्यों या केंद्र शासित क्षेत्रों में फंसे लोगों को पंजीकृत करेंगे. अगर फंसे हुए लोगों का समूह एक राज्य से दूसरे राज्य में जाना चाहता है तो राज्य एक-दूसरे से परामर्श कर सड़क मार्ग से आवाजाही पर परस्पर सहमत हो सकते हैं.

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने एक आदेश में कहा कि ऐसे फंसे हुए लोगों के समूहों को ले जाने के लिए बसों का इस्तेमाल किया जाएगा और इन वाहनों को सैनेटाइज किया जाएगा तथा सीटों पर बैठते समय सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा. गृह मंत्रालय ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या किसी व्यक्ति या परिवार को निजी वाहन में जाने की इजाजत मिल सकती है और यदि अनुमति मिल सकती है तो उसके लिए क्या शर्तें होंगी. सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे आदेश में भल्ला ने कहा, 'लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री, सैलानी, छात्र और अन्य लोग विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं, उन्हें जाने की इजाजत दी जाएगी. आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है.

मंत्रालय ने शर्तें गिनाते हुए कहा कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस बाबत नोडल अधिकारी बनाने होंगे और ऐसे लोगों को रवाना करने तथा इनकी अगवानी करने के लिए मानक प्रोटोकॉल बनाने होंगे. आदेश में कहा गया है कि नोडल अधिकारी अपने राज्यों में फंसे हुए लोगों का पंजीकरण भी करेंगे. इसके अनुसार अगर फंसे हुए लोगों का समूह किसी एक राज्य या केंद्रशासित प्रदेश से दूसरे राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के बीच यात्रा करना चाहता है तो दोनों राज्य एक दूसरे से सलाह-मशविरा कर सकते हैं और सड़क से यात्रा के लिए आपसी सहमति जता सकते हैं.

गृह मंत्रालय के अनुसार, सफर करने वालों की स्क्रीनिंग की जाएगी, जिनमें कोई लक्षण नहीं दिखाई देता, उन्हें जाने की इजाजत दी जाएगी. आदेश के अनुसार, बस के मार्ग में पड़ने वाले राज्य ऐसे लोगों को उनके राज्यों के लिए अपने यहां से गुजरने देंगे. इसमें कहा गया कि गंतव्य स्थल पहुंचने पर स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी उन पर नजर रखेंगे और उन्हें घर में पृथक-वास में रहने को कहा जाएगा. अगर जरूरत लगती है तो संस्थागत पृथक-वास में भी रखा जा सकता है. गृह मंत्रालय के अनुसार, इन लोगों पर लगातार नजर रखी जाएगी और समय समय पर इनकी स्वास्थ्य जांच होगी. इस अवसर का लाभ उठाने वाले लोगों को 'आरोग्य सेतु' ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा जिसके माध्यम से वे अपनी सेहत के स्तर पर नजर रख सकते हैं.

बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या 31787 हो गई है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1813 नए मामले सामने आए हैं और 71 लोगों की मौत हुई है. वहीं, देश में कोरोना से अब तक 1008 लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि राहत की बात यह है कि 7797 मरीज इस बीमारी को हराने में कामयाब भी हुए हैं.

उधर, देश में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. हालांकि 20 अप्रैल से लॉकडाउन के दौरान उन इलाकों में कुछ छूट भी दी गई है, जहां कोरोना के मामले कम हैं. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com