प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बिल्डर और बॉयर्स की समस्या को सुलझाने के लिए 3 मंत्रियों की समिति बनाई गई थी. बिल्डर बॉयर समस्या को लेकर यूपी के मंत्री सुरेश खन्ना, सतीश महाना और सुरेश राणा ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस की. समिति ने कहा कि दो दिन में हमने 200 से अधिक बॉयर्स को सुना. उनकी समस्या वास्तव में गंभीर है. प्रमुख रूप से दो बिल्डर्स की समस्या बड़ी थी, वह हैं - आम्रपाली और जेपी इंफ्राटेक. ये लोग समय फ़लैट और प्लाट नही दे पाए.
मंत्रियों की समिति ने बताया कि आम्रपाली को 40000 फ़लैट देने थे उसके लिए एक हल निकाला गया है. कंपलीशन की स्टेज तक जितने भी फलैट ख़रीददार है उन्हें कंप्लीशन रिपोर्ट मिलने तक कोई पैसा नहीं देना होगा. रजिस्ट्री से पहले ही पैसा देना होगा. बार्डर लाइन दो साल की रखी गई है. 99% लोग घर ही चाहते थे.
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जेपी इंफ्राटेक के संबंध में समिति ने कहा कि वे नवंबर से 600 फ़लैट हर महीने देंगे. शर्तें वही रहेंगी जो आम्रपाली के साथ हैं. उधर, यूनिटेक ने अपनी ज़मीन सरेंडर करने की बात कही है. हम सारे कानूनी पक्ष देख रहे हैं. बॉयर्स का हित सर्वोपरी था और रहेगा. बॉयर्स ने कहा था कि उन्हें अलग से कनेक्शन मिले पर इसमें थोड़ा समय लगेगा.
VIDEO: किराया भी दे रहे हैं और ईएमआई भी नोएडा के फ्लैट खरीदार
बॉयर्स ने कहा था कि वो बिल्डर को बिल के पैसे देते हैं पर बिल्डर विद्युत विभाग को नहीं दे रहे थे. हम देख रहे हैं कि जो नए भवन बन रहे हैं उसमें ये व्यवस्था हो. देरी तो हुई है हमारी सहानुभूति उनके साथ है.
मंत्रियों की समिति ने बताया कि आम्रपाली को 40000 फ़लैट देने थे उसके लिए एक हल निकाला गया है. कंपलीशन की स्टेज तक जितने भी फलैट ख़रीददार है उन्हें कंप्लीशन रिपोर्ट मिलने तक कोई पैसा नहीं देना होगा. रजिस्ट्री से पहले ही पैसा देना होगा. बार्डर लाइन दो साल की रखी गई है. 99% लोग घर ही चाहते थे.
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जेपी इंफ्राटेक के संबंध में समिति ने कहा कि वे नवंबर से 600 फ़लैट हर महीने देंगे. शर्तें वही रहेंगी जो आम्रपाली के साथ हैं. उधर, यूनिटेक ने अपनी ज़मीन सरेंडर करने की बात कही है. हम सारे कानूनी पक्ष देख रहे हैं. बॉयर्स का हित सर्वोपरी था और रहेगा. बॉयर्स ने कहा था कि उन्हें अलग से कनेक्शन मिले पर इसमें थोड़ा समय लगेगा.
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बॉयर्स ने कहा था कि वो बिल्डर को बिल के पैसे देते हैं पर बिल्डर विद्युत विभाग को नहीं दे रहे थे. हम देख रहे हैं कि जो नए भवन बन रहे हैं उसमें ये व्यवस्था हो. देरी तो हुई है हमारी सहानुभूति उनके साथ है.
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