भीमा कोरेगांव केस: फादर स्‍टेन स्‍वामी को स्‍ट्रॉ और सिपर के लिए दिसंबर तक करना होगा इंतजार

पार्किंसन की बीमारी में रोगी को रोजाना की दिनचर्या जैसे खाने-पीने में भी दिक्‍कत होती है. कुछ मरीजों को इस दौरान चबाने और निगलने में भी परेशानी आती है. फादर स्‍टेन स्‍वामी पार्किंसन से पीडि़त हैं.

भीमा कोरेगांव केस: फादर स्‍टेन स्‍वामी को स्‍ट्रॉ और सिपर के लिए दिसंबर तक करना होगा इंतजार

फादर स्‍टेन स्‍वामी को भीमा कोरेगांव केस में आरोपी बनाया गया है

खास बातें

  • पार्किंसंस की बीमारी से पीडि़त हैं 83 साल के स्‍टेन स्‍वामी
  • उन्‍होंने अरेस्‍ट के दौरान जब्‍त स्‍ट्रा-सिपर वापस मांगी थी
  • NIA ने कहा, ये चीजें हमारे पास नहीं, वे जेल प्रशासन से आग्रह करें
मुंंबई:

भीमा-कोरेगांव मामले (Bhima-Koregaon case) में कथित संलिप्‍तता को लेकर पिछले माह अरेस्‍ट किए गए 83 वर्षीय फादर स्‍टेन स्‍वामी (Father Stan Swamy)को स्‍ट्रा-सिपर कप के लिए अगले माह तक का इंतजार करना होगा. पार्किंसन बीमारी के मरीज (Parkinson's Disease patient) फादर स्‍टेन ने स्‍ट्रा-सिपर कप और सर्दी से बचने के कपड़ों की मांग की थी. अरेस्‍ट के दौरान जब्‍त किए गए स्‍ट्रा और सिपर को वापस करने संबंधी फादर स्‍टेन स्‍वामी की याचिका पर नेशनल इनवेस्‍टीगेशन एजेंसी यानी NIA ने अपने जवाब में कहा है कि एजेंसी ने इन्‍हें नहीं लिया है. अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर एनआईए के एक अधिकारी ने कहा, 'स्‍टेन स्‍वामी को कभी एनआईए हिरासत में नहीं लिया गया, ऐसे में उनकी चीजें हमारे पास नहीं हैं. उन्‍हें सीधे ज्‍यूडीशियल कस्‍टडी में भेजा गया था, ऐसे में उन्‍हें जेल प्रशासन से इस बारे में आग्रह करना चाहिए. हमें इस बारे में जानकारी नहीं है कि क्‍या उन्‍होंने जेल अथॉरिटी से इस बारे में कोई आग्रह किया है?'

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एनआईए के इस जवाब के बाद स्‍पेशल कोर्ट ने फादर स्‍टेन स्‍वामी के आवेदन को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने इस मामले में जेल अथॉरिटी से जवाब मांगा है और मामले की सुनवाई 4 दिसंबर स्‍थगित कर दी. गौरतलब है कि 8 अक्‍टूबर को एनआईए ने फादर स्‍टेन स्‍वामी को रांची के उनके निवास से गिरफ्तार किया था. इस माह की शुरुआत में एनआईए ने स्‍ट्रा-सिपर की फादर की मांग के लिए 20 दिन का समय मांगा था. स्‍वामी ने 6 नवंबर को इस मामले में आग्रह किया था.

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गौरतलब है कि पार्किंसन की बीमारी में रोगी को रोजाना की दिनचर्या जैसे खाने-पीने में भी दिक्‍कत होती है. कुछ मरीजों को इस दौरान चबाने और निगलने में भी परेशानी आती है. फादर स्‍टेन स्‍वामी पार्किंसन से पीडि़त हैं. तलोजा सेंट्रल जेल में करीब दो माह रखे गए और इस समय जेल के अस्‍पताल में भर्ती फादर स्‍वामी ने अपने आवेदन कहा है, 'पार्किंसंस के कारण मैं गिलास हाथ में भी नहीं पकड़ सकता हूं. पार्किंसंस के कारण उनके हाथ हिलते रहते हैं.'

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