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This Article is From Feb 26, 2021

व्‍यापारियों-ट्रांसपोर्टर्स के भारत बंद का मिलाजुला असर, GST सिस्‍टम को आसान बनाने की उठी मांग

ज्यादातर व्यापारी इस बात पर सहमत है कि GST को और सरल बनाया जाए.भारत बंद को व्यापारियों और ट्रांसपोर्टर के साथ किसान नेताओं का भी समर्थन मिला है

ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने माल ढ़ुलाई बंद रखी, इसका असर बाजार पर भी पड़ा (प्रतीकात्‍मक फोटो)

नई दिल्‍ली:

Bharat Bandh: देशभर के व्यापारियों और ट्रांसपोर्टर्स ने GST, ऑनलाइन व्यापार और ई-वे बिल को लेकर भारत बंद (Bharat Bandh) का ऐलान किया था हालांकि दिल्ली में इसका ज्यादा असर नहीं देखा गया. देश के अलग-अलग शहरों में भारत बंद का असर कहीं ज्यादा तो कहीं कम रहा.कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के नेतृत्व में कई जगहों पर सैकड़ों व्‍यापारियों ने धरने प्रदर्शन भी किए. CAIT का कहना है कि GST में एक हजार से ज्यादा संशोधन हो चुका है जिससे 'इसका टैक्स सिस्टम' सरल नहीं रह गया. इसके अलावा GST भरने में अगर व्यापारी गलती करता है तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाता है. एक ही सामान पर राज्यों में अलग-अलग टैक्स है. ऑन लाइन व्यापार में बाहरी पैसा लगा होने से सामान सस्ता है जबकि इससे खुदरा व्यापारी तबाह हो रहा है
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CAIT के महासचिव प्रवीश खंडेलवाल कहते हैं, 'पेन को ही ले लीजिए, दिल्ली में एक व्यापारी इस पर 18 फीसदी टैक्स देता है लेकिन उड़ीसा वाला 5 फीसदी टैक्स दे रहा है जिससे लोग वहीं से माल खरीदेंगे.' बच्चों का साइकिल का कारोबार करने वाले राजीव बत्रा ने पहले GST का समर्थन किया था लेकिन अब विरोध के लिए सड़कों पर हैं. वे कहते हैं कि  साइकिल बनाकर बेचने के दौरान उनको पांच फीसदी से लेकर 18 फीसदी तक का टैक्स भरना पड़ता है. छोटी सी गलती पर बड़े जुर्माने किए जाते हैं. साइकिल मार्केट के प्रेसीडेंट राजीव बत्रा कहते हैं, 'हमसे अगर एक गलती हो जाए तो हमारे ऊपर भारी जुर्माना होगा. हमारी प्रापर्टी जब्त होगी, जेल जाना होगा. इतनी ताकत अधिकारियों को दे दी गई है.'

उधर बंद के चलते ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने भी माल ढ़ुलाई बंद रखी. इसका असर बाजार पर भी पड़ा है. ट्रांसपोर्टर के गोदाम बंद रहे और ट्रकों की आवाजाही पर भी असर देखा गया. ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन का कहना है GST में संशोधन करके ई-बिल की वैधता को आधा कर दिया गया यानि इसे 200 km से घटाकर 100 km कर दिया गया. इसके चलते कंसाइटमेंट के पास अगर एक्सपायर्ड बिल है तो जुर्माना 200 फीसदी तक वसूला जाएगा. साथ ही बीते एक साल में डीजल के दामों में 17 रुपए का इजाफा हुआ है. हालांकि ट्रांसपोर्टर यूनियन के बीच में भी इसको लेकर मतभेद रहे हैं. कुल मिलाकर दिल्ली के अलग अलग जगहों पर भारत बंद का असर मिलाजुला ही रहा है लेकिन ज्यादातर व्यापारी इस बात पर सहमत है कि GST को और सरल बनाया जाए.भारत बंद को व्यापारियों और ट्रांसपोर्टर के साथ किसान नेताओं का भी समर्थन मिला है लेकिन कोरोना काल में पहले से व्यापार डाउन है ऐसे में पेट्रोल और डीजल में हो रही बेतहाशा वृद्धि व्यापारियों को परेशान कर रही है.

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