Bharat Bandh Protest over SC/ST Act Amendment LIVE UPDATES:
- अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निरोधक) कानून में केंद्र सरकार के संशोधनों के खिलाफ अनारक्षित समुदाय के गुरुवार को बुलाये गये बंद के दौरान यहां प्रमुख मंडियों और बाजारों में आधे दिन तक कारोबार ठप रहा. इससे करोड़ों रुपये के कारोबार पर असर पड़ा. अहिल्या चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एन्ड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने बताया कि सम्बद्ध कानून में संशोधनों के खिलाफ आधे दिन तक स्थानीय मंडियां और बाजार बंद रखने की अपील को करीब 110 कारोबारी संगठनों ने अपना समर्थन दिया.- भारत बंद के दौरान भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय चौहान की दुकान भी बंद.
- प्रदर्शनकारियों ने आगरा- ग्वालियर हाईवे बंद कर दिया है.
- पटना में भाजपा और जनता दल यूनाइटेड के दफ़्तर के बाहर प्रदर्शन.
#MadhyaPradesh: Visuals of protest from Vidisha against SC/ST Act amendments. #BharatBandh pic.twitter.com/ZSsPhsWtX0
— ANI (@ANI) September 6, 2018
-SC/ST एक्ट के विरुद्ध सवर्णों के 'भारत बंद' के दौरान राजस्थान के अलवर में भी प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं.Bhopal: Petrol pumps to remain closed from 10am to 4pm today in view of #BharatBandh. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/itRG23CgGb
— ANI (@ANI) September 6, 2018
#Rajasthan: Protests underway in Alwar against SC/ST (Prevention of Atrocities) Act amendment. #BharatBandh pic.twitter.com/YgWgHWeZLJ
— ANI (@ANI) September 6, 2018
#BharatBandh protests: Drones are being used for surveillance in Gwalior. SDM Narottam Bhargavi says,“Lot of security forces deployed. We are fully ready to face any kind of situation. Section 144 imposed at several places. It is very peaceful at present.” #MadhyaPradesh pic.twitter.com/hyRumwYAha
— ANI (@ANI) September 6, 2018
#Rajasthan: Shops in Kota closed in view of #BharatBandh called by various organisations against the SC/ST (Prevention of Atrocities) Act amendment. pic.twitter.com/YxrYrQH2eq
— ANI (@ANI) September 6, 2018
- SC/ST एक्ट के विरुद्ध सवर्ण जातियों द्वारा आहूत 'भारत बंद' के दौरान बिहार के मोकामा (चित्र 1) तथा बाढ़ के ब्लॉक रोड (चित्र 3) में प्रदर्शनकारियों ने टायरों को आग लगा दी.
#Bihar: Protesters set fire to tyres in Mokama (pic 1) and block road (pic 3) in Badh during #BharatBandh protests. pic.twitter.com/RRUbZlMxRs
— ANI (@ANI) September 6, 2018
#Maharashtra: Protest underway in Thane's Navghar against the amendment to SC/ST (Prevention of Atrocities) Act. #BharatBandh pic.twitter.com/f2Cn5jrEn5
— ANI (@ANI) September 6, 2018
Rajasthan: Shops in Ajmer closed in the view of #BharatBandh called by various organisations against amendments in SC/ST Act. pic.twitter.com/vnUxAaNhrS
— ANI (@ANI) September 6, 2018
-देवास- भारत बंद देवास बंद को लेकर सुबह से ही छोटी मोटी दुकाने बाजार पूरी तरह से बंद. पुलिस जगह जगह तैनात. स्वेछा लोगों ने बंद रखा. पुलिस पेट्रोलिग वहानो से रख रही है शहर में नजर. एसपी व एसएसपी के अलावा जिले पर रखे हैं हुए हैं नजर.
-मुरैना- बंद को पूरा समर्थन चाय, नाश्ता की दुकानों को छोडकर सभी बंद. बस संचालकों का भी समर्थन. सडकों अभी नहीं निकले समर्थक. शहरी लोग भ्रमण कर जायजा ले रहे हैं. जिला की सभी तहसीलों, जिला मुख्यालय सहित बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन पर पुलिस बल तैनात.
-भोपाल - कई दुकानें बंद, स्कूल कॉलेज बंद, सड़कों पर ट्रैफिक सामान्य.
-नवादा: नवादा में हिसुआ के बलियारी के समीप नवादा गया पथ को जाम कर दिया है. शहर में सामान्य जाति संघर्ष मोर्चा ने प्रदर्शन निकाला है. अभी तक बंद का मामूली असर है.
-बांका: बांका में बन्द समर्थक घूम घूम कर बन्द करा रहे हैं. शहर में बन्द का असर दिरव रहा है. सामान्य जाति एवं करनी सेना सक्रिय.
- जहानाबाद - एससी एसटी एक्ट के विरोध में आज भारत बंद, बन्द के दौरान बन्द समर्थकों ने अरवल मोड़ के समीप एनएच-83 और एनएच-110 को किया जाम, कई वाहन के हवा भी निकाले.
-SC/ST एक्ट के विरुद्ध सवर्ण जातियों द्वारा आहूत 'भारत बंद' के दौरान बिहार की राजधानी पटना स्थित राजेंद्र नगर टर्मिनल रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारी.
Visuals of #BharatBandh protest from Patna's Rajendra Nagar Terminal railway station. The nationwide bandh has been called by various organisations against amendments in SC/ST Act. #Bihar pic.twitter.com/ksIVCEoewd
— ANI (@ANI) September 6, 2018
- बनारस में बंद करते सवर्ण संगठन के लोग...Bhopal: High alert issued in 35 districts across the state in view of #BharatBandh against amendments in SC/ST Act. 34 companies of security forces and 5000 security personnel deployed. Section 144 imposed in several districts. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/OLcRV9pjxy
— ANI (@ANI) September 6, 2018
People in Varanasi hold protest during #BharatBandh called against amendments in SC/ST Act pic.twitter.com/wfSq80zVI3
— ANI UP (@ANINewsUP) September 6, 2018
-SC/ST एक्ट के विरुद्ध सवर्ण जातियों द्वारा आहूत भारत बंद के दौरान बिहार में के आरा दुकानें बंद रहीं, और प्रदर्शनकारियों ने एक ट्रेन को भी रोका.
- सवर्णों के भारत बंद को देखते हुए मध्य प्रदेश में आज पेट्रोल पंप बंद रहेंगे. सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक सभी पेट्रोल पंप एहतियातन बंद रहेंगे.Bihar: Markets closed, protesters stop a train in Arrah as Bharat bandh is called by upper caste groups against amendments in SC/ST Act pic.twitter.com/LfHJsR6bNZ
— ANI (@ANI) September 6, 2018
- मध्य प्रदेश के करीब 10 जिलों में धारा 144 लागू.
- मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आज भारत बंद को देखते हुए स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने का फैसला लिया गया है.
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पुलिस महानिरीक्षक (इंटेलीजेंस) मकरंद देउस्कर ने बताया, 'भारत बंद के मद्देनजर प्रदेश के सभी 51 जिलों के पुलिस अधीक्षकों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं.' शिवपुरी कलेक्टर शिल्पा गुप्ता, भिंड कलेक्टर आशीष कुमार गुप्ता एवं मुरैना कलेक्टर भरत यादव ने बताया, 'धारा 144 के तहत जन सामान्य को जानमाल की रक्षा एवं लोक शांति बनाए रखने हेतु राजस्व जिले की सीमा के अंदर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है. जारी आदेश 04 सितंबर से आगामी आदेश तक लागू रहेगा.'
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सवर्णों ने क्यों बुलाया भारत बंद?
केंद्र सरकार द्वारा एससी/एसटी एक्ट में संशोधन किए जाने के विरोध में सवर्ण समाज, करणी सेना, सपाक्स एवं अन्यों द्वारा छह सितम्बर को 'भारत बंद' के आह्वान को मद्देनजर यह आदेश जारी किया गया है. इस बीच, ब्रह्म समागम सवर्ण जनकल्याण संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मेन्द्र शर्मा ने कहा कि एससी/एसटी एक्ट के विरोध में 6 सितंबर को शांतिपूर्ण भारत बंद का समर्थन करेगा.
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कई नेताओं को दिखाए गए काले झंडे
बता दें कि पिछले एक सप्ताह से इस कानून के खिलाफ मध्यप्रदेश के कई स्थानों में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई नेताओं एवं मंत्रियों को काले झंडे भी दिखाये गए हैं.
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संशोधन के बाद अब ऐसा होगा SC/ST एक्ट
एससी\एसटी संशोधन विधेयक 2018 के जरिए मूल कानून में धारा 18A जोड़ी जाएगी. इसके जरिए पुराने कानून को बहाल कर दिया जाएगा. इस तरीके से सुप्रीम कोर्ट द्वारा किए गए प्रावधान रद्द हो जाएंगे. मामले में केस दर्ज होते ही गिरफ्तारी का प्रावधान है. इसके अलावा आरोपी को अग्रिम जमानत भी नहीं मिल सकेगी. आरोपी को हाईकोर्ट से ही नियमित जमानत मिल सकेगी. मामले में जांच इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अफसर करेंगे. जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल संबंधी शिकायत पर तुरंत मामला दर्ज होगा. एससी/एसटी मामलों की सुनवाई सिर्फ स्पेशल कोर्ट में होगी. सरकारी कर्मचारी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दायर करने से पहले जांच एजेंसी को अथॉरिटी से इजाजत नहीं लेनी होगी.
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सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST एक्ट में किया था यह बदलाव
सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट के बदलाव करते हुए कहा था कि मामलों में तुरंत गिरफ्तारी नहीं की जाएगी. कोर्ट ने कहा था कि शिकायत मिलने पर तुरंत मुकदमा भी दर्ज नहीं किया जाएगा. शीर्ष न्यायालय ने कहा था कि शिकायत मिलने के बाद डीएसपी स्तर के पुलिस अफसर द्वारा शुरुआती जांच की जाएगी और जांच किसी भी सूरत में 7 दिन से ज्यादा समय तक नहीं होगी. डीएसपी शुरुआती जांच कर नतीजा निकालेंगे कि शिकायत के मुताबिक क्या कोई मामला बनता है या फिर किसी तरीके से झूठे आरोप लगाकर फंसाया जा रहा है? सुप्रीम कोर्ट ने इस एक्ट के बड़े पैमाने पर गलत इस्तेमाल की बात को मानते हुए कहा था कि इस मामले में सरकारी कर्मचारी अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं.
क्या है SC-ST Act?
अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लोगों पर होने वाले अत्याचार और उनके साथ होनेवाले भेदभाव को रोकने के मकसद से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम, 1989 बनाया गया था. जम्मू कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में इस एक्ट को लागू किया गया. इसके तहत इन लोगों को समाज में एक समान दर्जा दिलाने के लिए कई प्रावधान किए गए और इनकी हरसंभव मदद के लिए जरूरी उपाय किए गए. इन पर होनेवाले अपराधों की सुनवाई के लिए विशेष व्यवस्था की गई ताकि ये अपनी बात खुलकर रख सके.
सवर्णों की नाराज़गी दूर करने में जुटी BJP
बीजेपी सवर्ण वर्ग की नाराजगी को दूर करने की कोशिशों में जुट गई है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने वरिष्ठ मंत्रियों और पार्टी नेताओं के साथ एससी/एसटी ऐक्ट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के बाद बने हालात पर विस्तार से चर्चा की है. पार्टी आधिकारिक रूप से इस संवेदनशील मुद्दे पर टिप्पणी करने को तैयार नहीं है, लेकिन पार्टी नेता इस मुद्दे को तूल देने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बता रहे हैं. पार्टी ने इस मुद्दे पर उठ रहे सवालों का जवाब देने का मन भी बनाया है. बताया जा रहा है कि इस सप्ताहांत दिल्ली में होने वाली बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है.
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गौरतलब है कि बीजेपी के भीतर से सरकार के इस कदम का तीखा विरोध शुरू हो गया है. विरोध करने वालों में पार्टी के अगड़ी जाति के नेता प्रमुख हैं. बीजेपी सरकारों के लिए एक बड़ा सिरदर्द सवर्ण संगठनों द्वारा बुलाया गया भारत बंद भी है. एससी/एसटी ऐक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दलित संगठनों के 2 अप्रैल को बुलाए गए भारत बंद में कई राज्यों में हिंसा हुई थी जिनमें नौ लोग मारे गए थे. मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा विरोध हो रहा है. वहां 2 अप्रैल के बंद के दौरान छह लोग ग्वालियर चंबल संभाग में मारे गए थे. सरकार वहां अब पूरा ऐहतियात बरत रही है.
कांग्रेस ने सवर्णों की नाराजगी के लिए प्रधानमंत्री पर साधा निशाना
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सवर्ण समाज में बेचैनी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार जिम्मेदार हैं. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'हम मानते हैं कि समाज के हर वर्ग को शांतिपूर्वक तरीके से अपनी बात कहने, अपना पक्ष रखने का पूर्ण अधिकार है. देश में कोई लचर अर्थव्यवस्था है, डूबता रुपया है, भयंकर बेरोजगारी है, दोषपूर्ण जीएसटी है, लघु और मध्यम उद्योग एमएसएमई पर जबरदस्त मार पड़ रही है, भ्रष्टाचारी घोटाले हैं.' उन्होंने कहा, 'सवर्णों सहित समाज के सभी हिस्सों में बेचैनी, चिंता और आक्रोश है तो इसका जिम्मेवार कौन है? इसकी जिम्मेदार सरकार है.
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