बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर एमएन रेड्डी के ट्विटर अकाउंट ने इस महानगर के संगठित जुर्म की दुनिया में हड़कंप मचा दिया है।
नौकरी देने वाली फर्जी एजेंसियों, ड्रग्स, फर्जी ई-कॉमर्स वेब साइट्स, जुओं के अड्डे सहित ऐसे कई मामलों का पर्दाफाश ट्विटर पर आई जानकारी की वजह से ही हुई है। इतना ही नहीं कई पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई इसी पर आई जानकारी के बाद हुई।
मंगलवार को ऐसी ही एक सूचना किसी ने कमिश्नर के अकाउंट पर ट्वीट कर दिया कि बेंगलुरु के एजीपुरा के एक घर में कुछ लड़कियों को बंधक बनाकर रखा गया है।
फौरन कमिश्नर ने इसकी जानकारी डीसीपी (क्राइम) अभिषेक गोयल को दी, जिन्होंने क्राइम ब्रांच की एक टीम को ट्वीट में दिए गए पते पर रवाना कर दिया। पुलिस को पांच लड़कियों की जानकारी ट्वीट के जरिये दी गई थी, लेकिन रेड के दौरान वहां 11 लड़कियां मिलीं, जिन्हें जबरन अलग-अलग कमरों में बंद कर रखा गया था और उन्हें वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया जाता था।
इन 11 लड़कियों में से तीन कोलकाता, तीन आंध्र प्रदेश, तीन महाराष्ट्र और दो कर्नाटक के अलग-अलग शहरों से हैं। हालांकि पुलीस को इस बात का मलाल है कि गैंग का सरगना राजेश और उसके साथी भागने में कामयाब हो गए। पुलिस ने मानव तस्करी, वेश्यावृत्ति, बंधक बनाकर रखना और शोषण से जुड़ी धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
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