बेंगलुरु:
बेंगलुरु पुलिस के कमिश्नर एन.एस. मेघारिक ने दावा किया कि शनिवार रात शहर में एक टेम्पो ट्रैवलर में हुए सामूहिक बलात्कार का मामला सुलझा लिया गया है। दोनों ही आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं और इन्होंने अपना जुर्म कबूल किया है।
इनमें से एक का नाम सुनील और दूसरा योगेश है। ये दोनों चिक मंगलौर के रहने वाले हैं। दोनों ने शनिवार रात को जमकर शराब पी थी और वो नशे में धुत थे। दोनों पिछले तीन सालों से बेंगलुरु में ड्राईवर और खलासी का काम कर रहे हैं। शनिवार रात इन दोनों ने बोपनहल्ली से एक लड़की को सवारी के तौर पर अपने टेम्पो ट्रैवलर में बिठा लिया। कुछ दूर आगे चलकर जब ड्राईवर ने गाड़ी सुनसान रास्ते की तरफ मोड़ी तो लड़की ने विरोध किया। इसपर योगेश ने ऊसे चाकू दिखा कर डराया धमकाया और फिर बारी बारी से योगेश और सुनील ने उसके साथ बलात्कार किया।
बाद में ऊसे ब्यपनहल्ली के पास छोड़ा गया। मेडिकल जांच में बलात्कार की पुष्टि हुई है। टेम्पो ट्रैवलर भी जब्त कर लिया गया है और उसकी फॉरेंसिक जांच चल रही है।
लड़की ने अपने बयान में कहा था कि जिस टेम्पो ट्रैवलर में उसके साथ बलात्कार हुआ उसमें पीछे की तरफ शीशे पर पगला लिखा था और उसके अंदर की सीट स्कूल बस जैसी थी। उसने गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर भी 80 फीसदी सही बताया था।
इसी बुनियाद पर जब शहर में लगे पुलिस के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया तो टेम्पो ट्रैवलर और इसको चलाने वालों तक पहुंचने में पुलिस को ज्यादा देर नहीं लगी।
बेंगलुरु पुलिस ने दिशानिर्देश जारी कर सभी प्रतिष्ठानों को आदेश दिया था कि जहां महिलाएं रात में काम करती हैं उन्हें घर पहुंचाने की ज़िम्मेदारी कंपनियों की है। ऐसे में इस लड़की को कंपनी की तरफ से ड्रॉप क्यों नहीं दिया गया। पुलिस अब उस बीपीओ के मालिक से भी पूछताछ करने वाली है।
इनमें से एक का नाम सुनील और दूसरा योगेश है। ये दोनों चिक मंगलौर के रहने वाले हैं। दोनों ने शनिवार रात को जमकर शराब पी थी और वो नशे में धुत थे। दोनों पिछले तीन सालों से बेंगलुरु में ड्राईवर और खलासी का काम कर रहे हैं। शनिवार रात इन दोनों ने बोपनहल्ली से एक लड़की को सवारी के तौर पर अपने टेम्पो ट्रैवलर में बिठा लिया। कुछ दूर आगे चलकर जब ड्राईवर ने गाड़ी सुनसान रास्ते की तरफ मोड़ी तो लड़की ने विरोध किया। इसपर योगेश ने ऊसे चाकू दिखा कर डराया धमकाया और फिर बारी बारी से योगेश और सुनील ने उसके साथ बलात्कार किया।
बाद में ऊसे ब्यपनहल्ली के पास छोड़ा गया। मेडिकल जांच में बलात्कार की पुष्टि हुई है। टेम्पो ट्रैवलर भी जब्त कर लिया गया है और उसकी फॉरेंसिक जांच चल रही है।
लड़की ने अपने बयान में कहा था कि जिस टेम्पो ट्रैवलर में उसके साथ बलात्कार हुआ उसमें पीछे की तरफ शीशे पर पगला लिखा था और उसके अंदर की सीट स्कूल बस जैसी थी। उसने गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर भी 80 फीसदी सही बताया था।
इसी बुनियाद पर जब शहर में लगे पुलिस के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया तो टेम्पो ट्रैवलर और इसको चलाने वालों तक पहुंचने में पुलिस को ज्यादा देर नहीं लगी।
बेंगलुरु पुलिस ने दिशानिर्देश जारी कर सभी प्रतिष्ठानों को आदेश दिया था कि जहां महिलाएं रात में काम करती हैं उन्हें घर पहुंचाने की ज़िम्मेदारी कंपनियों की है। ऐसे में इस लड़की को कंपनी की तरफ से ड्रॉप क्यों नहीं दिया गया। पुलिस अब उस बीपीओ के मालिक से भी पूछताछ करने वाली है।
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