भूमि अधिग्रहण पर अध्यादेश को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा मंजूरी दिए जाने से पहले तीन वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों ने उनसे मुलाकात की थी और इस संबंध में अध्यादेश अधिसूचित करने की आवश्यकता समझाई थी।
सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल में वित्तमंत्री अरुण जेटली (जो स्वयं एक जानेमाने वकील हैं), कानून मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी शामिल थे। राष्ट्रपति अध्यादेश पर कुछ स्पष्टीकरण चाहते थे।
जेटली और अन्य मंत्रियों ने राष्ट्रपति को इसके मद्देनजर अध्यादेश की आवश्यकता को लेकर विश्वास में लिया कि 1 जनवरी से पहले देश के कानून के दायरे में 13 केंद्रीय विधेयक आ जाने चाहिए जिसमें रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विधेयक शामिल हैं ताकि उन किसानों को उच्च मुआवजा, पुनर्वास लाभ मुहैया कराये जा सकें जिनकी जमीनें अधिग्रहित की जा रही हैं।
इन मंत्रियों ने इस संबंध में भूमि कानून की धारा 105 का उल्लेख किया। राष्ट्रपति ने मंत्रियों से मुलाकात करने के बाद अध्यादेश को अपनी मंजूरी दे दी।
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