वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) अवमानना मामले (Contempt Case) में एक रुपये की जुर्माना राशि भरने के लिए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री पहुंचे. प्रशांत ने जुर्माने की राशि जमा कर दी है. उन्होंने ड्राफ्ट के ज़रिए राशि का भुगतान किया है. जुर्माना जमा करने से पहले उन्होंने कहा कि जुर्माना जमा करने का यह मतलब नहीं है कि हमको सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वीकार है, हम आज ही इस मामले में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर रहे है.
भूषण ने कहा कि एक सच्चाई कोष बनाया जा रहा है जिसका पैसा उनके लिए इस्तेमाल किया जाएगा, जिनको सरकार के खिलाफ बोलने के कारण परेशान किया जा रहा है. भारत में आज अभिव्यक्ति की आज़ादी (Freedom of Expression) के तहत जो लोग सरकार के खिलाफ बोलते हैं, उनका मुंह बंद करने के लिए सरकार हर तरह का हथकंडा अपना रही है.
जुर्माना अदा करने से पहले प्रशान्त भूषण ने कहा कि अभिव्यक्ति की आज़ादी का गला घोंटा जा रहा है. आवाज़ उठाने वाले उमर खालिद और अन्य लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो रही है. ऐसे लोगों की मदद के लिए जन-जन से एक-एक रुपया जमा कर सत्य फंड बनाया जा रहा है. राजस्थान से किसान मजदूर संगठन के शंकर लाल, बालूराम और ग्यारसी बाई के साथ कई कार्यकर्ता एक-एक रुपया की राशि लेकर आए.
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