प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
भारत स्वतंत्रता दिवस की तैयारियां कर रहा, लेकिन इन तैयारियों में एक खतरे का अहसास भी है। अलकायदा ने धमकी दी है कि वह मुंबई और कोच्चि में सेना के अड्डों को निशाना बनाएगा। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने इसे लेकर अलर्ट भी जारी किया है।
इस अलर्ट के मुताबिक, कोच्चि के साउथर्न और वेस्टर्न नेवल कमांड और मुंबई के नेवल बेस अलकायदा के निशाने पर हैं।
स्वतंत्रता दिवस से पहले पूरे देश को अलग-अलग खतरों से आगाह भी किया गया है। राज्यों को बीजेपी दफ्तरों पर खास इंतजाम करने के लिए लिखा गया है। अलकायदा इन इंडियन सब कॉन्टिनेंट (AQIS) के नाम से जाना जाने वाला गुट बीजेपी के दफ्तरों को निशाना बनाने की फिराक में है।
इस नोट में यह भी लिखा है कि कुछ संगठन इस बात से खुश नहीं हैं कि सरकार ने बीफ बैन कर दिया है। साथ ही इंटरनेशनल योग डे की बढ़ती अहमियत और स्कूल में संस्कृत पढ़ने पर ज़ोर देने को लेकर ये संगठन नाखुश हैं। हाल में किसानों ने जिस तरह से सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध किया है, उस पर भी तवज्जो देने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री शनिवार को लाल किले से भाषण देंगे हालांकि सुरक्षा के लिहाज से मौजूदा प्रधानमंत्री को सबसे ज्यादा खतरा है, लेकिन पिछले साल उन्होंने बुलेट प्रूफ शीशे को हटवा दिया था।
हालांकि सात पन्नों की एडवाइजरी यूं तो वर्ष 1980 से हर साल 15 अगस्त से पहले जारी की जाती रही है। मगर इस बार यह इस लिहाज से अलग है कि इसमें लश्कर-ए-तैयबा के हमले की योजना के बारे में स्पष्ट रूप से बताया गया है।
इस अलर्ट के मुताबिक, कोच्चि के साउथर्न और वेस्टर्न नेवल कमांड और मुंबई के नेवल बेस अलकायदा के निशाने पर हैं।
स्वतंत्रता दिवस से पहले पूरे देश को अलग-अलग खतरों से आगाह भी किया गया है। राज्यों को बीजेपी दफ्तरों पर खास इंतजाम करने के लिए लिखा गया है। अलकायदा इन इंडियन सब कॉन्टिनेंट (AQIS) के नाम से जाना जाने वाला गुट बीजेपी के दफ्तरों को निशाना बनाने की फिराक में है।
इस नोट में यह भी लिखा है कि कुछ संगठन इस बात से खुश नहीं हैं कि सरकार ने बीफ बैन कर दिया है। साथ ही इंटरनेशनल योग डे की बढ़ती अहमियत और स्कूल में संस्कृत पढ़ने पर ज़ोर देने को लेकर ये संगठन नाखुश हैं। हाल में किसानों ने जिस तरह से सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध किया है, उस पर भी तवज्जो देने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री शनिवार को लाल किले से भाषण देंगे हालांकि सुरक्षा के लिहाज से मौजूदा प्रधानमंत्री को सबसे ज्यादा खतरा है, लेकिन पिछले साल उन्होंने बुलेट प्रूफ शीशे को हटवा दिया था।
हालांकि सात पन्नों की एडवाइजरी यूं तो वर्ष 1980 से हर साल 15 अगस्त से पहले जारी की जाती रही है। मगर इस बार यह इस लिहाज से अलग है कि इसमें लश्कर-ए-तैयबा के हमले की योजना के बारे में स्पष्ट रूप से बताया गया है।
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