नई दिल्ली:
मधुर धुनों और सूर्यास्त होते ही राष्ट्रपति भवन के जगमगाने के बीच विजय चौक पर ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह के साथ ही 64वां गणतंत्र दिवस समारोह संपन्न हो गया।
चार दिवसीय समारोह के समापन अवसर पर बैंडकर्मियों ने ‘कदम कदम बढ़ाए जा’ और ‘सारे जहां से अच्छा’ जैसी मशहूर भारतीय धुनों की पेशकश की।
धुनों की कुल 23 पेशकश में से 18 को भारतीय संगीतकारों ने बनाया था। पांच लोकप्रिय धुनें विदेशी संगीतकारों की थीं।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कई अन्य नेताओं ने बैंडकर्मियों का प्रदर्शन देखा।
सैन्य बैंडकर्मियों द्वारा तैयार अधिकतर पेशकश भारतीय धुनों पर आधारित थीं। इस बार मेजर जनरल केएन भट्ट और मेजर एन हुसैन द्वारा तैयार ‘ढोला रे ढोला’ की धुनों ने भी अदभुत समां बांध दिया।
समारोह के मुख्य अतिथि और सैन्य बलों के सर्वोच्च कमांडर मुखर्जी थे। इस अवसर पर राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, नार्थ और साउथ ब्लाक और रायसीना हिल्स के अन्य भवन जगमगा उठे।
चार दिवसीय समारोह के समापन अवसर पर बैंडकर्मियों ने ‘कदम कदम बढ़ाए जा’ और ‘सारे जहां से अच्छा’ जैसी मशहूर भारतीय धुनों की पेशकश की।
धुनों की कुल 23 पेशकश में से 18 को भारतीय संगीतकारों ने बनाया था। पांच लोकप्रिय धुनें विदेशी संगीतकारों की थीं।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कई अन्य नेताओं ने बैंडकर्मियों का प्रदर्शन देखा।
सैन्य बैंडकर्मियों द्वारा तैयार अधिकतर पेशकश भारतीय धुनों पर आधारित थीं। इस बार मेजर जनरल केएन भट्ट और मेजर एन हुसैन द्वारा तैयार ‘ढोला रे ढोला’ की धुनों ने भी अदभुत समां बांध दिया।
समारोह के मुख्य अतिथि और सैन्य बलों के सर्वोच्च कमांडर मुखर्जी थे। इस अवसर पर राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, नार्थ और साउथ ब्लाक और रायसीना हिल्स के अन्य भवन जगमगा उठे।
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