सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने रविवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा से मुलाकात की.
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष विकास सिंह रविवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा से मिले. सिंह ने शीर्ष न्यायपालिका में संकट को लेकर एक प्रस्ताव सौंपा. सूत्रों के मुताबिक सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की पूर्ण पीठ की बैठक होने की पूरी संभावना है जिसमें मौजूदा संकट पर चर्चा हो सकती है.
वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने सीजेआई दीपक मिश्रा से मुलाकात करने के बाद बताया कि उन्होंने एससीबीए के प्रस्ताव की एक प्रति प्रधान न्यायाधीश को सौंपी, जिन्होंने उस पर गौर करने का आश्चासन दिया. उनकी न्यायमूर्ति मिश्रा से करीब 15 मिनट बातचीत हुई. सिंह ने कहा, ‘‘मैं प्रधान न्यायाधीश से मिला और प्रस्ताव की प्रति उन्हें सौंपी. उन्होंने कहा कि वह इस पर गौर करेंगे और उच्चतम न्यायालय में जल्द-से-जल्द सौहार्द कायम करेंगे.’’
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एससीबीए ने शनिवार को एक आपातकालीन बैठक कर उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों और चीफ जस्टिस के बीच मतभेदों को लेकर गहरी चिंता जाहिर की थी और कहा था कि इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत की पूर्ण पीठ को तत्काल विचार करना चाहिए.
एससीबीए की कार्यकारिणी की आपात बैठक में सुझाव दिया गया कि लंबित जनहित याचिकाओं समेत सभी जनहित याचिकाओं पर या तो सीजेआई को विचार करना चाहिए या उन वरिष्ठ न्यायाधीशों को सौंप दिया जाना चाहिए जो उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम का हिस्सा हैं.
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सूत्रों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की पूर्ण पीठ के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों के सीजीआई के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर टिप्पणी किए जाने से उपजे संकट पर चर्चा करने की पूरी संभावना है. उन्होंने बताया कि पूर्ण पीठ की बैठक अनिवार्य हो गई है क्योंकि चार न्यायाधीशों ने सावर्जनिक तौर पर अपनी शिकायतों का इजहार किया और इस बात की संभावना है कि उन्हें उच्चतम न्यायालय के सभी न्यायाधीशों का समर्थन प्राप्त नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई को मिलाकर न्यायाधीशों के 31 पद स्वीकृत हैं. वर्तमान में उच्चतम न्यायालय में 25 न्यायाधीश हैं. एक सूत्र ने कहा, ‘‘यह निश्चित है कि सोमवार को पूर्ण पीठ की बैठक होगी. पूर्ण पीठ में सीजेआई के पास बहुमत है और इसीलिए इन चार न्यायाधीशों ने अपनी शिकायतों को लेकर पूर्ण पीठ की बैठक की मांग नहीं की.’’
VIDEO : चीफ जस्टिस को जजों का खुला खत
सूत्रों ने मीडिया में चल रही एक खबर का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि एक न्यायाधीश, जिनके भविष्य में प्रधान न्यायाधीश बनने की संभावना है, ने भी शुक्रवार को चार न्यायाधीशों द्वारा बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन को लेकर अपनी आपत्ति का इजहार किया है.
(इनपुट भाषा से)
वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने सीजेआई दीपक मिश्रा से मुलाकात करने के बाद बताया कि उन्होंने एससीबीए के प्रस्ताव की एक प्रति प्रधान न्यायाधीश को सौंपी, जिन्होंने उस पर गौर करने का आश्चासन दिया. उनकी न्यायमूर्ति मिश्रा से करीब 15 मिनट बातचीत हुई. सिंह ने कहा, ‘‘मैं प्रधान न्यायाधीश से मिला और प्रस्ताव की प्रति उन्हें सौंपी. उन्होंने कहा कि वह इस पर गौर करेंगे और उच्चतम न्यायालय में जल्द-से-जल्द सौहार्द कायम करेंगे.’’
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एससीबीए ने शनिवार को एक आपातकालीन बैठक कर उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों और चीफ जस्टिस के बीच मतभेदों को लेकर गहरी चिंता जाहिर की थी और कहा था कि इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत की पूर्ण पीठ को तत्काल विचार करना चाहिए.
एससीबीए की कार्यकारिणी की आपात बैठक में सुझाव दिया गया कि लंबित जनहित याचिकाओं समेत सभी जनहित याचिकाओं पर या तो सीजेआई को विचार करना चाहिए या उन वरिष्ठ न्यायाधीशों को सौंप दिया जाना चाहिए जो उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम का हिस्सा हैं.
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सूत्रों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की पूर्ण पीठ के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों के सीजीआई के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर टिप्पणी किए जाने से उपजे संकट पर चर्चा करने की पूरी संभावना है. उन्होंने बताया कि पूर्ण पीठ की बैठक अनिवार्य हो गई है क्योंकि चार न्यायाधीशों ने सावर्जनिक तौर पर अपनी शिकायतों का इजहार किया और इस बात की संभावना है कि उन्हें उच्चतम न्यायालय के सभी न्यायाधीशों का समर्थन प्राप्त नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई को मिलाकर न्यायाधीशों के 31 पद स्वीकृत हैं. वर्तमान में उच्चतम न्यायालय में 25 न्यायाधीश हैं. एक सूत्र ने कहा, ‘‘यह निश्चित है कि सोमवार को पूर्ण पीठ की बैठक होगी. पूर्ण पीठ में सीजेआई के पास बहुमत है और इसीलिए इन चार न्यायाधीशों ने अपनी शिकायतों को लेकर पूर्ण पीठ की बैठक की मांग नहीं की.’’
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सूत्रों ने मीडिया में चल रही एक खबर का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि एक न्यायाधीश, जिनके भविष्य में प्रधान न्यायाधीश बनने की संभावना है, ने भी शुक्रवार को चार न्यायाधीशों द्वारा बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन को लेकर अपनी आपत्ति का इजहार किया है.
(इनपुट भाषा से)
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