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This Article is From Jan 02, 2017

'वह रात जश्न की नहीं बल्कि हैवानियत के नाच की थी,' बेंगलूरू में नए साल की रात की प्रत्यक्षदर्शी

'वह रात जश्न की नहीं बल्कि हैवानियत के नाच की थी,' बेंगलूरू में नए साल की रात की प्रत्यक्षदर्शी
बेंगलुरू की प्रसिद्ध एमजी रोड पर नए साल की शाम हुए अमानवीयता के नंगे नाच के गवाह बने लोगों का कहना है कि नए साल के जश्न के नाम में आधी रात को सड़कों पर उतरे हज़ारों हुड़दंगियों ने महिलाओं के साथ छेड़खानी की. वह रात जश्न की नहीं बल्कि हैवानियत के नंगे नाच की थी.

कर्नाटक का दिल कहे जानी वाली राजधानी बेंगलुरू में इस हैवानियत की रात का गवाह रही एक महिला ने बताया कि आधी रात में सड़क पर एकाएक भगदड़ का माहौल बन गया. लड़कियां इधर-उधर भागते हुए मदद के लिए चिल्ला रही थीं और रो रही थीं.

पत्यक्षदर्शी ने बताया, "एक महिला भागते हुए बेहोश हो गई और एक ने वहशी को रोकने के लिए अपना जूता उतार कर उस पर मारा."

इस घटना के 2 दिन बाद भी इस पत्यक्षदर्शी महिला के चेहरे पर उस भयावह रात का डर साफ देखा जा सकता है. वह बताती है कि उसकी एक मित्र जो इस छेड़खानी का शिकार बनी, अभी तक सदमे में है.

प्रत्यदर्शी महिला ने गुस्से में तमतमाते हुए कहा, "भीड़ का फायदा उठाकर कुछ लोग राह चलती महिलाओं को जबर्दस्ती छू रहे थे, उनके शरीर को दबा रहे थे. तुम एक-दो लोगों से लड़ सकते हो, लेकिन भीड़ से नहीं, और खासकर तब तो नहीं जब, लोग तुम्हें लक्ष्य बनाकर रहे हों, यह एक बड़े पैमाने पर छेड़खानी थी."

एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, 'भीड़ को काबू करने के लिए वहां पर्याप्त संख्या में पुलिस नहीं थी. हर कोई नशे में था और एक-दूसरे को धकल रहा था. लोगों का व्यवहार बड़ा ही अश्लील था. अपनी बदतमीज हरकतों से उन्होंने किसी भी लड़की को नही बख्शा.''

उसने बताया, "मैंने एक महिला को रोते हुए देखा, उसके शरीर पर खरोंच के निशान थे, उनसे खून निकल रहा था. यह वाकई एक दिल दहला देने वाली रात थी, भीड़ महिलाओं के बाल पकड़कर खींच रही रही थी और उनके कपड़े फाड़ रही थी."

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