केंद्र सरकार के खर्चे पर रॉक क्लाइंबिंग और स्कीइंग करेंगे बाबू

केंद्र सरकार के खर्चे पर रॉक क्लाइंबिंग और स्कीइंग करेंगे बाबू

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार के कर्मचारी विशेष आकस्मिक अवकाश का लाभ लेकर गुलमर्ग की वादियों में स्कीइंग का मजा ले सकते हैं या मनाली में रॉक क्लाइंबिंग का आनंद उठा सकते हैं। दिलचस्प बात यह है कि केंद्र के लगभग 50 लाख कर्मचारी सरकार के खर्चे पर ये आनंद उठा सकते हैं।

जोखिम उठाने की क्षमता और टीम भावना को बढ़ावा देना मकसद
जोखिम उठाने की क्षमता और टीम भावना को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार ने अपने सभी 50 लाख कर्मचारियों से कहा है कि वे रॉक क्लाइंबिंग और पैराग्लाइडिंग जैसे रोमांचक खेलों में भाग लें। केंद्र ने कहा है कि कर्मचारियों की इन गतिविधियों पर आने वाले खर्च का वहन वह करेगा। कर्मचारियों में रोमांचक खेलों को बढ़ावा देने का केंद्र का यह कदम दरअसल उनके बीच 'तनाव की खतरनाक स्थिति और लंबे समय तक बैठे रहने के कुप्रभाव' से निपटने पर भी केंद्रित है।

देश के छह संस्थान शामिल
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया, 'यह जोखिम उठाने, मिलकर टीम के रूप में काम करने, चुनौतिपूर्ण स्थितियों में तत्परता एवं उचित प्रतिक्रिया और स्थिरता की भावना का सृजन एवं पोषण करेगा।' इस योजना के मुताबिक, छह संस्थानों द्वारा पांच से सात दिनों के लिए आयोजित किए जाने वाले इन कार्यक्रमों को डीओपीटी प्रायोजित करेगा। इन संस्थानों में हिमाचल प्रदेश का अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड अलाइड स्पोर्ट्स, जम्मू-कश्मीर का इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्कीइंग एंड माउंटेनियरिंग, गोवा का नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉटर स्पोर्ट्स, उत्तरकाशी का नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग शामिल हैं।

अफसरों को सरकार देगी 20 हजार रुपये
इस कार्यक्रम के तहत ट्रैकिंग, माउंटेनियरिंग, रॉक क्लाइंबिंग, दुर्गम रास्तों पर साइकलिंग, स्कीइंग, सर्फिंग, नौकायन, राफ्टिंग, पैरासेलिंग, गोताखोरी, बलूनिंग, पैरा ग्लाइडिंग, जंगल सफारी, डेजर्ट सफारी, बीच ट्रैकिंग और पर्यावरण जागरूकता शिविर जैसी गतिविधियां शामिल होंगीं। इसके तहत अफसरों को सरकार की ओर से 20 हजार रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा उन्हें इन गतिविधियों में भाग लेने में मदद करने के लिए विशेष आकस्मिक अवकाश भी दिया जाएगा।

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शुक्रवार को डीओपीटी द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया किसी एक वित्तीय वर्ष में हर मंत्रालय या विभाग के उन दो अधिकारियों को कार्यक्रम शुल्क का 100 फीसदी वित्तीय सहायता के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा जिन्हें सेवा में उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया जा चुका होगा और कार्यक्रम के लिए नामित किया गया होगा।