बाबू सिंह कुशवाहा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
NRHM घोटाले के आरोपी यूपी के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर सीबीआई तीन महींने में तीनों केस में 25 मुख्य गवाहों की कोर्ट में गवाही कराने में असफल रही तो ट्रायल कोर्ट जमानत दे दे।
कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले में फटकार लगाते हुए कहा कि गवाही के नाम पर आप दो साल और जेल में नहीं रख सकते। कुशवाहा तीन साल 8 महीने से जेल में बंद हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) से संबंधित धनशोधन मामले में बसपा प्रमुख मायावती के कभी करीबी रहे सहयोगी बाबू सिंह कुशवाहा की 196 करोड़ रुपये की संपत्ति पिछले दिनों कुर्क कर ली। ईडी ने अपने कुर्की आदेश में आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए कुशवाहा ने स्वास्थ्य योजना के लिए निजी कंपनियों की ठेके में हेरफेर करने में मदद की।
एजेंसी ने मामले में सीबीआई की एक प्राथमिकी का संज्ञान करने के बाद घोटाले को लेकर 2012 में लखनऊ में एक आपराधिक मामला दर्ज किया था। ईडी ने पूर्व में कई दूसरे आरोपियों समेत कुशवाहा से मामले को लेकर पूछताछ की थी।
कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले में फटकार लगाते हुए कहा कि गवाही के नाम पर आप दो साल और जेल में नहीं रख सकते। कुशवाहा तीन साल 8 महीने से जेल में बंद हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) से संबंधित धनशोधन मामले में बसपा प्रमुख मायावती के कभी करीबी रहे सहयोगी बाबू सिंह कुशवाहा की 196 करोड़ रुपये की संपत्ति पिछले दिनों कुर्क कर ली। ईडी ने अपने कुर्की आदेश में आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए कुशवाहा ने स्वास्थ्य योजना के लिए निजी कंपनियों की ठेके में हेरफेर करने में मदद की।
एजेंसी ने मामले में सीबीआई की एक प्राथमिकी का संज्ञान करने के बाद घोटाले को लेकर 2012 में लखनऊ में एक आपराधिक मामला दर्ज किया था। ईडी ने पूर्व में कई दूसरे आरोपियों समेत कुशवाहा से मामले को लेकर पूछताछ की थी।
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