हैदराबाद:
आध्यात्मिक गुरु सत्य साईं बाबा के निधन के बाद उनके 40 हजार करोड़ रुपये की सम्पत्ति वाले श्री सत्य साईं केंद्रीय न्यास का उत्तराधिकारी कौन होगा इस पर सबकी नजरें लगी हुई हैं। न्यास से जुड़े सात लोगों में से इसके संचालन की बागडोर किसके हाथ होगी इस पर अभी अनिश्चितता कायम है। बाबा अपने पीछे एक विशाल आध्यात्मिक साम्राज्य छोड़ गए हैं लेकिन उन्होंने अपना उत्तराधिकारी नियुक्त नहीं किया था। अब लोगों की नजरें इन सात लोगों पर हैं। न्यास के सचिव के. चक्रवर्ती : भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी चक्रवर्ती ऐसे सदस्य हैं जिनके पास न्यास के चेक पर हस्ताक्षर करने का अधिकार है। अनंतपुर जिले के पूर्व जिलाधिकारी चक्रवर्ती ने बाबा की सलाह पर भारतीय प्रशासनिक सेवा छोड़ वर्ष 1981 में उनके साथ हो गए। न्यास के सदस्य - एसवी गिरि : पूर्व आईएएस अधिकारी रहे गिरि मुख्य सतर्कता आयुक्त के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वे वर्ष 1998 में अपनी नौकरी छोड़कर श्री सत्य साईं विश्वविद्यालय के कुलसचिव बन गए। गिरि ने साईं शैक्षिक संस्थानों का नेटवर्क बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाई है। पीएन भगवती : देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश भगवती न्यास के सर्वाधिक नामी और सम्मानित चेहरे हैं। ये भी बाबा की सलाह पर न्यास से जुड़ गए। इंदूलाल शाह : चार्टर्ड अकाउंटैंट से उद्यमी बने शाह श्री सत्य साईं सेवा संगठन के संस्थापक और इसके अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार हैं। शाह साईं संस्थानों का नेटवर्क वैश्विक स्तर पर फैलाते हैं। वेणु श्रीनिवासन : टीवीएस मोटर्स के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक भारत में साईं संस्थानों के प्रमुख हैं। आरजे रत्नाकर : न्यास में शामिल बाबा के पारिवारिक सदस्य हैं। बाबा ने इनके पिता जानकीराम के निधन के बाद वर्ष 2010 में रत्नाकर को न्यास का सदस्य बनाया। रत्नाकर (39) पुट्टापर्थी में एक केबल टेलीविजन नेटवर्क चलाते हैं। सत्यजीत : बाबा की व्यक्तिगत रूप से देखरेख करने वाले सत्यजीत न्यास के सदस्य नहीं हैं। यह बाबा के बहुत निकट थे। बाबा ने पिछले साल इन्हें न्यास के सदस्य के रूप में शामिल करने की इच्छा जाहिर की थी।