आजम खान (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश के नगर विकास और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहम्मद आजम खान ने प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक पर आरोप लगाया है कि वे संविधान के मुताबिक काम करने के बजाय प्रदेश में आरएसएस के विचारों को थोपने की कोशिश कर रहे हैं. आजम खान ने 29 नवंबर को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर राज्यपाल के बारे में शिकायत की है.
आजम खान ने आरोप लगाया कि एक तरफ तो नरेंद्र मोदी सरकार देश में बेरोजगारों को नौकरी नहीं दे रही है, दूसरी तरफ राज्य सरकार जब पारदर्शी ढंग से बेरोजगारों को नौकरी देने की राह खोल रही है, तो राज्यपाल इस काम में भी अड़ंगा डाल रहे हैं.
आजम ने दावा किया कि राज्यपाल सरकारी काम में बाधा डाल रहे हैं, जिससे राजभवन की गरिमा जितनी इस समय गिर गई है, उतनी कभी नहीं गिरी. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल की भारत के संविधान में कोई आस्था नहीं है और वे सिर्फ आरएसएस की बात थोपने में लगे हैं.
आजम ने कहा कि अगर आरएसएस के हिसाब से ही देश चलाना है तो प्रधानमंत्री संसद में इसकी घोषणा कर दें और देश का संविधान बदल दें, लेकिन इसके लिए देश के युवाओं के भविष्य को दांव पर तो न लगाएं.
दरअसल, राम नाइक के राज्यपाल बनने के बाद से आजम खान के मंत्रालयों के कुछ विधेयक राजभवन में अटक गए हैं. वहीं ताजा मामले में राजभवन ने एक अध्यादेश पर ही दस्तखत करने से मना कर दिया. इस अध्यादेश के जरिए राज्य सरकार नगर निकायों में 1500 से अधिक पदों पर भर्तियों की प्रक्रिया शुरू करने वाली थी.
उत्तर प्रदेश के नगर निकाय में अधिकारी और कर्मचारियों के हजारों पद कई साल से खाली पड़े हैं. हालत यह है कि एक कार्यकारी अधिकारी के पास 10-10 नगर पालिकाओं का प्रभार है. नौकरियों से जुड़े इस अध्यादेश को लेकर आजम खान जल्द ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात करेंगे.
आजम खान ने नोटबंदी से हो रही परेशानी और उसकी वजह से हुई मौतों पर कहा कि केंद्र सरकार को इन लोगों को शहीद का दर्जा देना चाहिए. आजम ने कहा कि केंद्र सरकार के पैमाने के हिसाब से लाइन में लगने वाले अगर देशभक्त हैं तो जिनकी मौत लाइन में लगने से हुई है उन्हें शहीद का दर्ज देकर उनके परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए.
उत्तर प्रदेश में आसन्न विधानसभा चुनाव में भाजपा के ‘मिशन 265 प्लस’ के बारे में एक सवाल के जवाब में आजम ने कहा कि मोदी सरकार और राज्य में उनके 71 सांसदों ने पिछले ढाई साल में कोई काम नहीं किया. बुनियादी स्तर पर भाजपा का संगठन बेहद कमजोर है और इन्होंने लोकसभा चुनाव में किये गए वादे पूरे नहीं किये हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में जनता को मुद्दों से भटकाने के लिए नोटबंदी का तमाशा खड़ा किया गया है.
आजम ने कहा कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य के विकास के लिए लगातार काम किया है जबकि भाजपा जनता को गुमराह करने का काम कर रही है. हम उत्तर प्रदेश में सत्ता में अपने काम के बूते वापसी करेंगे.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
आजम खान ने आरोप लगाया कि एक तरफ तो नरेंद्र मोदी सरकार देश में बेरोजगारों को नौकरी नहीं दे रही है, दूसरी तरफ राज्य सरकार जब पारदर्शी ढंग से बेरोजगारों को नौकरी देने की राह खोल रही है, तो राज्यपाल इस काम में भी अड़ंगा डाल रहे हैं.
आजम ने दावा किया कि राज्यपाल सरकारी काम में बाधा डाल रहे हैं, जिससे राजभवन की गरिमा जितनी इस समय गिर गई है, उतनी कभी नहीं गिरी. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल की भारत के संविधान में कोई आस्था नहीं है और वे सिर्फ आरएसएस की बात थोपने में लगे हैं.
आजम ने कहा कि अगर आरएसएस के हिसाब से ही देश चलाना है तो प्रधानमंत्री संसद में इसकी घोषणा कर दें और देश का संविधान बदल दें, लेकिन इसके लिए देश के युवाओं के भविष्य को दांव पर तो न लगाएं.
दरअसल, राम नाइक के राज्यपाल बनने के बाद से आजम खान के मंत्रालयों के कुछ विधेयक राजभवन में अटक गए हैं. वहीं ताजा मामले में राजभवन ने एक अध्यादेश पर ही दस्तखत करने से मना कर दिया. इस अध्यादेश के जरिए राज्य सरकार नगर निकायों में 1500 से अधिक पदों पर भर्तियों की प्रक्रिया शुरू करने वाली थी.
उत्तर प्रदेश के नगर निकाय में अधिकारी और कर्मचारियों के हजारों पद कई साल से खाली पड़े हैं. हालत यह है कि एक कार्यकारी अधिकारी के पास 10-10 नगर पालिकाओं का प्रभार है. नौकरियों से जुड़े इस अध्यादेश को लेकर आजम खान जल्द ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात करेंगे.
आजम खान ने नोटबंदी से हो रही परेशानी और उसकी वजह से हुई मौतों पर कहा कि केंद्र सरकार को इन लोगों को शहीद का दर्जा देना चाहिए. आजम ने कहा कि केंद्र सरकार के पैमाने के हिसाब से लाइन में लगने वाले अगर देशभक्त हैं तो जिनकी मौत लाइन में लगने से हुई है उन्हें शहीद का दर्ज देकर उनके परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए.
उत्तर प्रदेश में आसन्न विधानसभा चुनाव में भाजपा के ‘मिशन 265 प्लस’ के बारे में एक सवाल के जवाब में आजम ने कहा कि मोदी सरकार और राज्य में उनके 71 सांसदों ने पिछले ढाई साल में कोई काम नहीं किया. बुनियादी स्तर पर भाजपा का संगठन बेहद कमजोर है और इन्होंने लोकसभा चुनाव में किये गए वादे पूरे नहीं किये हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में जनता को मुद्दों से भटकाने के लिए नोटबंदी का तमाशा खड़ा किया गया है.
आजम ने कहा कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य के विकास के लिए लगातार काम किया है जबकि भाजपा जनता को गुमराह करने का काम कर रही है. हम उत्तर प्रदेश में सत्ता में अपने काम के बूते वापसी करेंगे.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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