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This Article is From Nov 06, 2019

Ayodhya Case : मौलाना मदनी ने कहा, सबूतों के आधार पर दिया गया फैसला मान्य होगा

मदनी ने कहा- हमें पूर्ण विश्वास है कि कोर्ट का फैसला आस्था की बुनियाद पर ना होकर कानूनी दायरे में होगा, उसको जमीयत उलेमा-ए-हिंद स्वीकार करेगी

Ayodhya Case :  मौलाना मदनी ने कहा, सबूतों के आधार पर दिया गया फैसला मान्य होगा
मैौलाना सैयद अरशद मदनी (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

अयोध्या मामले (Ayodhya Case) के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर आने वाले फैसले से पहले जमीयत उलेमा हिन्द के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ( Maulana Sayyed Arshad Madani ) ने कहा है कि 'वर्तमान में देश आंतरिक और बाहरी दोनों स्तरों पर चुनौतियों से गुजर रहा है और हालात चिंताजनक हैं. मदनी ने कहा कि मुसलमानों का दृष्टिकोण पूर्णतः ऐतिहासिक तथ्यों, सबूतों और साक्ष्यों के आधार पर है. बाबरी मस्जिद का निर्माण किसी मंदिर को तोड़कर या किसी मंदिर की जगह पर नहीं किया गया था. हमें पूर्ण विश्वास है कि कोर्ट का फैसला आस्था की बुनियाद पर ना होकर कानूनी दायरे में होगा और कोर्ट के फैसले को जमीयत उलेमा-ए-हिंद ससम्मान स्वीकार करेगी.'

मदनी ने कहा कि 'आज कश्मीर से कन्याकुमारी तक मौजूदा परिस्थितियों से लोग डरे सहमे हैं और एक अविश्वास की भावना आई है. मदनी ने NRC का जिक्र करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर गृहमंत्री अमित शाह का बयान जिसमें उन्होंने "गैर मुस्लिम सभी धर्मों को भारतीय नागरिकता देने" की बात कही, शर्मनाक है. अमित शाह के बयान से स्पष्ट है कि उनके निशाने पर सिर्फ मुस्लिम हैं और गृहमंत्री की सोच संविधान की धारा 14-15 के विरुद्ध हैं जिसमें सभी धर्मों को उनके धार्मिक भाषा, खान-पान, रहन-सहन के नाम पर किसी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं करने की बात की है.'

मौलाना मदनी ने अनुच्छेद 370 का जिक्र करते हुए कहा कि 'किसी भी समस्या का हल सिर्फ और सिर्फ बातचीत से ही निकाला जा सकता है. हमें कश्मीरियों से बातचीत के दरवाजे खुले रखने चाहिए क्योंकि ताकत के बल पर जन आंदोलनों का मुकाबला नहीं किया जा सकता है. अभी अनुच्छेद 370 का  मामला कोर्ट में है और हमें यह पूर्ण विश्वास है कि कश्मीरियों के साथ न्याय होगा.'

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मौलाना मदनी ने कहा कि 'हमारे मतभेद किसी भी राजनीतिक दल या संगठन से नहीं हैं बल्कि हमारा विरोध हमेशा से ही उस विचारधारा से है जो देश की गंगा-जमुनी तहजीब और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को खत्म करने की होती है. आज जिस तरह से गाय के नाम पर तो कभी जय श्री राम के नाम पर धार्मिक जुनून पैदा करके देश की हिन्दू-मुस्लिम बुनियाद हिलाने की कोशिश हो रही है, वो शर्मनाक है.'

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