अटॉर्नी जनरल (AG) केके वेणुगोपाल (K K Venugopal) ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के वरिष्ठतम न्यायाधीश और अगले CJI जस्टिस एनवी रमना के खिलाफ CJI एसए बोबडे को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी (YS Jagan Mohan Reddy) द्वारा पत्र भेजना पहली नजर में अवमानना है, लेकिन उन्होंने सीएम जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ आपराधिक अवमानना (Criminal Contempt) के लिए अदालती कार्यवाही की शुरू करने की सहमति को अस्वीकार कर दिया.
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AG ने कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी द्वारा CJI को पत्र भेजने और सार्वजनिक डोमेन डालने का समय संदेह पैदा करता है क्योंकि न्यायमूर्ति एनवी रमना विधायकों/सांसदों के खिलाफ लंबित मुकदमों पर आदेश पारित कर रहे हैं. उन्होंने कहा, चूंकि पत्र सीधे भारत के मुख्य न्यायाधीश को संबोधित किया गया था, इसलिए CJI ने मामले को जब्त कर लिया है और इस मामले से निपटना मेरे लिए उचित नहीं होगा.
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दरअसल वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने न्यायमूर्ति एनवी रमना के खिलाफ पत्र भेजने पर सीएम के खिलाफ अवमानना की एजी की अनुमति मांगी था. अश्विनी कुमार याचिकाकर्ता हैं जिनकी याचिका पर न्यायमूर्ति रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने सभी उच्च न्यायालयों को बैठने और पूर्व सांसदों/विधायकों के खिलाफ मामलों में तेजी लाने का निर्देश दिया. उपाध्याय ने एजी को लिखा कि सीएम जगनमोहन रेड्डी के खिलाफ 31 आपराधिक मामले लंबित हैं. सभी बार एसोसिएशनों ने जस्टिस रमना पर आरोप लगाने के लिए सीएम की निंदा की थी.
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