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This Article is From Jan 18, 2017

UPelections: मुलायम सिंह की नई सूची से अतीक अहमद जैसे बाहुबलियों का नाम गायब

UPelections: मुलायम सिंह की नई सूची से अतीक अहमद जैसे बाहुबलियों का नाम गायब
अतीक अहमद के ऊपर 42 आपराधिक मामले चल रहे हैं.
लखनऊ: पिता-पुत्र में सुलह के तहत मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव को विचार के लिए जो अपने 38 समर्थकों की सूची दी है, उसमें सूत्रों के मुताबिक ऐसे दागी प्रत्‍याशियों का नाम नहीं है जिन पर अखिलेश यादव को पहले से ही आपत्तियां थीं. ऐसे दागी प्रत्‍याशियों में बाहुबली नेता अतीक अहमद और शिबगतुल्‍लाह अंसारी का नाम नहीं है. इससे पहले चाचा-भतीजे में जंग के तहत शिवपाल ने जो पहली सूची बनाई थी उसमें अतीक अहमद को कानपुर की मुस्लिम बाहुल्‍य सीट कैंट से उम्‍मीदवार घोषित किया गया था.

अतीक अहमद ने हालांकि सपा में झगड़े के बीच कहा भी था कि यदि उनके नाम को लेकर किसी को आपत्ति है तो वह पीछे हटने को तैयार हैं. इसके साथ ही उन्‍होंने यह भी कहा था कि मुलायम सिंह उनके नेता हैं और अखिलेश यादव मुख्‍यमंत्री के रूप में उनकी पसंद हैं.

अब मुलायम की सूची से उनका नाम नदारद होने के बाद माना जा रहा है कि सपा से उनको टिकट मिलने की संभावना खत्‍म हो गई है. अब अतीक अहमद के निर्दलीय उम्‍मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है.

बाहुबली नेता अतीक अहमद इलाहाबाद से ताल्‍लुक रखते हैं और वह कई दलों से चुनाव लड़ चुके हैं. 2004-2009 के दौरान वह फूलपुर से सपा के लोकसभा सदस्‍य रह चुके हैं. उनके 2014 के आम चुनावों के दौरान पेश किए गए हलफनामे के अनुसार उनके ऊपर 42 आपराधिक मामले चल रहे हैं. इनमें से छह हत्‍या और छह हत्‍या के प्रयास और चार मामले अपहरण के दर्ज हैं. 2004 में इलाहाबाद में बसपा विधायक राजू पाल की हत्‍या के मामले में अपने भाई अशरफ के साथ अतीक भी आरोपी हैं.
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यह भी पढ़ें: मुलायम सिंह की सूची में शामिल हुआ शिवपाल यादव का नाम, पिता-पुत्र में सुलह के संकेत
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कई बार जेल जा चुके अतीक ने पिछला 2012 विधानसभा का चुनाव इलाहाबाद पश्चिम से अपना दल के बैनर तले लड़ा था. हालांकि वह जीत नहीं सके और उस सीट से राजू पाल की पत्‍नी पूजा पाल ने जीत हासिल की. 2014 में वह एक बार फिर सपा में शामिल हुए और लोकसभा चुनावों में श्रावस्‍ती सीट से खड़े हुए लेकिन बीजेपी के उम्‍मीदवार से उनको हार का सामना करना पड़ा.

इसके साथ ही यह भी माना जा रहा है कि बाहुबली मुख्‍तार अंसारी के भाई शिबगतुल्‍लाह अंसारी का नाम भी मुलायम की सूची में नहीं है. अंसारी बंधुओं ने कौमी एकता दल बनाया है. इस पार्टी का सपा में विलय भी हुआ लेकिन इसको लेकर भी अखिलेश को सख्‍त ऐतराज था लेकिन उनकी आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए शिवपाल यादव ने पार्टी का विलय भी सपा में कराया और शिबगतुल्‍लाह अंसारी को टिकट भी दिया गया. लेकिन सूत्रों के मुताबिक अब उनके नाम से पल्‍ला झाड़ लिया गया है.

इसी तरह से पूर्वांचल से ताल्‍लुक रखने वाले बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि त्रिपाठी का नाम भी मुलायम की सूची से नदारद है. अमनमणि त्रिपाठी की पत्‍नी सारा की रहस्‍यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी और सारा के परिजनों ने अमनमणि पर हत्‍या का आरोप लगाया था. फिलहाल इस मामले की सीबीआई जांच चल रही है और अमनमणि सीबीआई की हिरासत में हैं.

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