
मथुरा:
भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठतम नेता अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी एक फिल्म इतनी ज्यादा पसंद आई कि उन्होंने 25 बार देखी थी. हेमामालिनी ने गुरुवार को यहां पार्टी के स्थापना दिवस समारोह में बताया, 'मुझे राजनीति में, वह भी खास तौर पर भाजपा में लाने का श्रेय एक प्रकार से मेरे पूर्व सहकर्मी अभिनेता एवं गुरूदासपुर से सांसद रहे विनोद खन्ना को जाता है, क्योंकि 1999 में गुरुदासपुर से दूसरी बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे खन्ना ने अपने यहां प्रचार के लिए बुलाया था'.
उन्होंने बताया, 'तत्कालीन अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने उनके लिए प्रचार के लिए कहा था. मां ने भी उनका (आडवाणी) नाम सुनकर प्रचार करने की अनुमति दे दी थी. तब पहला भाषण मां ने लिखकर दिया था. सभा में बहुत भीड़ थी, जिससे खुश होकर आडवाणी ने बिहार में प्रचार का न्यौता दे दिया'.
भाजपा सांसद ने बताया, '...उसके बाद तो भाजपा के प्रचार में अक्सर जाने लगी. 2003 में उन्होंने राज्यसभा सदस्य बनाकर एक बड़ी जिम्मेदारी भी दे दी'. उन्होंने बताया, 'मुझे याद है एक बार मैंने पदाधिकारियों से कहा कि मैं भाषणों में अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र करती हूं.. लेकिन उनसे कभी मिली नहीं, मिलवाइए. तब वो मुझे उनसे मिलाने ले गए, लेकिन मैंने महसूस किया कि अटल बिहारी वाजपेयी बात करने में कुछ हिचकिचा रहे हैं'. इस पर मैंने वहां मौजूद एक महिला से पूछा, क्या बात है. अटल जी, ठीक से बात क्यों नहीं कर रहे. उन्होंने बताया, 'असल में ये आपके बहुत बड़े प्रशंसक रहे हैं. इन्होंने 1972 में आई आपकी फिल्म 'सीता और गीता' 25 बार देखी थी. आज अचानक आपको सामने पाकर हिचकिचा रहे हैं'.
उन्होंने बताया, 'इसके बाद तो मैं गुजरात में नरेंद्र मोदी के लिए तो छत्तीसगढ़ में डॉ. रमण सिंह के लिए, जहां भी पार्टी ने बुलाया प्रचार के लिए जाती रही. परिणाम भी अच्छे ही रहे. संयोग ही था कि सभी जगह भाजपा जीतती गई. लेकिन अफसोस है बिहार में ऐसा न हो सका'. उन्होंने कहा, 'कोई बात नहीं अब यूपी में जीते हैं. अन्य जगह भी भाजपा की सरकार बन रही है. कार्यकर्ताओं ने बहुत अच्छा काम किया है. उन्हें बधाई'. (इनपुट भाषा से)
उन्होंने बताया, 'तत्कालीन अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने उनके लिए प्रचार के लिए कहा था. मां ने भी उनका (आडवाणी) नाम सुनकर प्रचार करने की अनुमति दे दी थी. तब पहला भाषण मां ने लिखकर दिया था. सभा में बहुत भीड़ थी, जिससे खुश होकर आडवाणी ने बिहार में प्रचार का न्यौता दे दिया'.
भाजपा सांसद ने बताया, '...उसके बाद तो भाजपा के प्रचार में अक्सर जाने लगी. 2003 में उन्होंने राज्यसभा सदस्य बनाकर एक बड़ी जिम्मेदारी भी दे दी'. उन्होंने बताया, 'मुझे याद है एक बार मैंने पदाधिकारियों से कहा कि मैं भाषणों में अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र करती हूं.. लेकिन उनसे कभी मिली नहीं, मिलवाइए. तब वो मुझे उनसे मिलाने ले गए, लेकिन मैंने महसूस किया कि अटल बिहारी वाजपेयी बात करने में कुछ हिचकिचा रहे हैं'. इस पर मैंने वहां मौजूद एक महिला से पूछा, क्या बात है. अटल जी, ठीक से बात क्यों नहीं कर रहे. उन्होंने बताया, 'असल में ये आपके बहुत बड़े प्रशंसक रहे हैं. इन्होंने 1972 में आई आपकी फिल्म 'सीता और गीता' 25 बार देखी थी. आज अचानक आपको सामने पाकर हिचकिचा रहे हैं'.
उन्होंने बताया, 'इसके बाद तो मैं गुजरात में नरेंद्र मोदी के लिए तो छत्तीसगढ़ में डॉ. रमण सिंह के लिए, जहां भी पार्टी ने बुलाया प्रचार के लिए जाती रही. परिणाम भी अच्छे ही रहे. संयोग ही था कि सभी जगह भाजपा जीतती गई. लेकिन अफसोस है बिहार में ऐसा न हो सका'. उन्होंने कहा, 'कोई बात नहीं अब यूपी में जीते हैं. अन्य जगह भी भाजपा की सरकार बन रही है. कार्यकर्ताओं ने बहुत अच्छा काम किया है. उन्हें बधाई'. (इनपुट भाषा से)
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