CAA के तहत नागरिकता लेने वालों की जांच करेगी भारत सरकार- असम के मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा

नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) का देशभर में विरोध हो रहा है. दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार समेत कई राज्यों में महिलाएं सड़कों पर उतर इस संशोधित कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं.

CAA के तहत नागरिकता लेने वालों की जांच करेगी भारत सरकार- असम के मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा

हिमंत बिस्वा सरमा असम सरकार में मंत्री हैं. (फाइल फोटो)

खास बातें

  • असम सरकार में मंत्री हैं हिमंत बिस्वा सरमा
  • हिमंत बिस्वा सरमा ने CAA पर दिया बयान
  • कहा- मोदी सरकार दावों की करेगी जांच
गुवाहाटी:

नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) का देशभर में विरोध हो रहा है. दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार समेत कई राज्यों में महिलाएं सड़कों पर उतर इस संशोधित कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं. दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में करीब एक महीने से लोग धरना दे रहे हैं. उनकी मांग है कि केंद्र सरकार कानून में किए गए संशोधनों को वापस ले. दूसरी ओर मोदी सरकार (Modi Govt) प्रदर्शनकारियों की अनदेखी करते हुए इस कानून के तहत अगली रूपरेखा पर काम कर रही है. इसी कड़ी में असम सरकार के मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने कहा है कि CAA के तहत नागरिकता लेने वाले यह तो साबित नहीं कर सकते कि उनके देश में धर्म के आधार पर उनका उत्पीड़न हुआ था लेकिन केंद्र सरकार अपने स्तर पर उनके दावों की जांच जरूर करेगी.

हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, 'धार्मिक उत्पीड़न के कोई सबूत नहीं हो सकते लेकिन उन लोगों को ये साबित करना होगा कि वो 2014 से पहले भारत आए थे. धार्मिक आधार पर सताए जाने के सबूत कैसे हो सकते हैं. क्या बांग्लादेश का कोई पुलिस थाना उन्हें दस्तावेज देगा और कहेगा कि इन लोगों का धार्मिक उत्पीड़न हुआ है. भारत सरकार अपने स्तर पर इस बात का पता लगाएगी कि जहां से ये लोग आ रहे हैं, क्या वहां इनके साथ अल्पसंख्यक होने की वजह से कोई घटना हुई थी.'

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बताते चलें कि संशोधित नागरिकता कानून में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समुदाय- हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसियों को नागरिकता देने का प्रावधान रखा गया है. फिलहाल में 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आ चुके लोगों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी. मुस्लिमों को इस कानून से बाहर रखा गया है. इसी वजह से इसे लेकर विवाद भी हो रहा है. मुस्लिम प्रदर्शनकारी दावा कर रहे हैं कि पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) लागू करने के लिए ही यह कानून लाया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रामलीला मैदान में हुई रैली में दावा किया था कि कैबिनेट बैठक में NRC पर कोई चर्चा नहीं हुई है. दूसरी ओर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) संसद तक में कह चुके हैं कि सरकार पूरे देश में NRC लागू करके रहेगी. शाह यह भी साफ कर चुके हैं कि किसी भी सूरत में CAA को वापस नहीं लिया जाएगा.

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