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This Article is From Jan 05, 2020

असम के डिटेंशन सेंटर में 55 वर्षीय व्यक्ति की मौत, तीन साल में 29 लोग तोड़ चुके हैं दम

सरकार के मुताबिक साल 2016 से लेकर अक्टूबर 2019 तक डिटेंशन सेंटर में रहने वाले 28 लोगों की मौत हुई है.

असम के डिटेंशन सेंटर में 55 वर्षीय व्यक्ति की मौत, तीन साल में 29 लोग तोड़ चुके हैं दम
प्रतीकात्मक तस्वीर.
गुवाहाटी:

असम के गोलपारा के एक डिटेंशन सेंटर में रहने वाले 55 वर्षीय व्यक्ति की शुक्रवार को एक अस्पताल में मौत हो गई. पुलिस का कहना है कि उन्हें 22 दिसंबर को उन्हें बड़ा स्ट्रोक होने के बाद गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा था. नरेश कोच पिछले तीन वर्षों में डिटेंशन सेंटर में मरने वाले 29वें व्यक्ति हैं. तिनिकुनिया पारा गांव के रहने वाले मजदूर नरेश कोच साल 1964 में बांग्लादेश (उस वक्त पूर्व पाकिस्तान था) से पहले मेघालय आए. इसके बाद वह तिनिकुनिया पारा गांव में रहने लगे, वहां वह 35 साल से रह रहे थे.

साल 2018 तक उन्होंने हर एक चुनाव में मतदान किया है. लगातार चार बार सुनवाई में असफल होने के बाद उन्हें एक विदेशी ट्रिब्यूनल ने 2018 में विदेशी घोषित कर दिया था. नरेश कोच-राजबंशी समुदाय के थे, जिन्हें मेघालय में आदिवासी का दर्जा प्राप्त है, लेकिन असम में अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिलने का इंतजार है.

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सरकार के मुताबिक साल 2016 से लेकर अक्टूबर 2019 तक डिटेंशन सेंटर में रहने वाले 28 लोगों की मौत हुई है. नवंबर महीने में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया था कि '22 नवंबर 2019 तक 988 विदेशियों को असम के छह डिटेंशन सेंटर में डाला गया है.' अपडेटेड नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) में लगभग 19 लाख लोगों  को बाहर कर दिया गया था, जो कि 31 अगस्त 2019 में प्रकाशित हुआ था.

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