
फाइल फोटो
हिंदुस्तानी सियासत के अमिट हस्ताक्षर एवं कालजयी स्तम्भ अटल बिहारी वाजपेयी आज पंचतत्व में विलीन हो गए,. कृतज्ञ राष्ट्र ने अश्रुपूरित नेत्रों के साथ अपने इस महान नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री को अंतिम विदाई दी अटल बिहारी वाजपेयी का अंतिम संस्कार दिल्ली स्थित राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर किया गया . उनकी दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्या ने उन्हें मुखाग्नि दी. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अंतिम यात्रा में आज जनसैलाब उमड़ पड़ा. वाजपेयी की अंतिम यात्रा में भाजपा मुख्यालय से उनके पार्थिव शरीर को लेकर जा रहे वाहन के पीछे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पैदल चल रहे थे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्मृति स्थल पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी. अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और श्रीलंका के विदेश मंत्री ने स्मृति स्थल पर जाकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी.
अटल जी का सहकर्मी बनने की चाहत में कानूनी पेशा त्याग दिया : रामनाथ कोविन्द
असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि देश ने एक ऐसा नेता खो दिया जिसका स्थान शायद ही कोई नेता ले पाएगा. मुखी ने कहा कि अटल एक ऐसे नेता थे जो विरोधी दलों में भी उतने लोकप्रिय थे, जितने वे खुद अपनी पार्टी में. उन्होंने कहा कि राजनीति से लेकर निजी जीवन में उनका कोई विरोधी नहीं था. सभी उनको पसंद करते थे. उनकी वाकपटुता सभी को मोहित करती थी. हमने देश की एक बुलंद आवाज को खो दिया है. छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि अटल जी ने छत्तीसगढ़ का निर्माण किया था. उन्होंने कहा, 'छत्तीसगढ़ के निर्माता, भारत रत्न अटल जी देश को दुःख के सागर में छोड़ कर चले गये. देश के लिए जो उन्होंने किया वो शब्दों में नहीं बांधा जा सकता.'
आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री एक लंबे समय से बीमार चल रहे थे. 15 अगस्त को उनकी तबीयत और ज्यादा खराब हो गई. तबीयत खराब होने का समाचार मिलते ही केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी उन्हें देखने के लिए सबसे पहले एम्स गईं. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एम्स गए और डॉक्टरों से मुलाकात कर वाजपेयी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. पीएम मोदी के हॉस्पिटल के आने के बाद से देर रात तक तमाम नेताओं का एम्स आना-जाना लगा रहा. गुरुवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी एम्स पहुंचे. डॉक्टरों ने बताया कि उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हो रहा है. और 16 अगस्त की शाम 5.05 मिनट पर वाजपेयी ने अंतिम सांस ली.
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असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि देश ने एक ऐसा नेता खो दिया जिसका स्थान शायद ही कोई नेता ले पाएगा. मुखी ने कहा कि अटल एक ऐसे नेता थे जो विरोधी दलों में भी उतने लोकप्रिय थे, जितने वे खुद अपनी पार्टी में. उन्होंने कहा कि राजनीति से लेकर निजी जीवन में उनका कोई विरोधी नहीं था. सभी उनको पसंद करते थे. उनकी वाकपटुता सभी को मोहित करती थी. हमने देश की एक बुलंद आवाज को खो दिया है. छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि अटल जी ने छत्तीसगढ़ का निर्माण किया था. उन्होंने कहा, 'छत्तीसगढ़ के निर्माता, भारत रत्न अटल जी देश को दुःख के सागर में छोड़ कर चले गये. देश के लिए जो उन्होंने किया वो शब्दों में नहीं बांधा जा सकता.'
आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री एक लंबे समय से बीमार चल रहे थे. 15 अगस्त को उनकी तबीयत और ज्यादा खराब हो गई. तबीयत खराब होने का समाचार मिलते ही केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी उन्हें देखने के लिए सबसे पहले एम्स गईं. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एम्स गए और डॉक्टरों से मुलाकात कर वाजपेयी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. पीएम मोदी के हॉस्पिटल के आने के बाद से देर रात तक तमाम नेताओं का एम्स आना-जाना लगा रहा. गुरुवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी एम्स पहुंचे. डॉक्टरों ने बताया कि उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हो रहा है. और 16 अगस्त की शाम 5.05 मिनट पर वाजपेयी ने अंतिम सांस ली.
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