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कैबिनेट की बैठक छोड़ सचिन पायलट दिल्ली में, राजस्थान में राजनीतिक उठा-पटक की 'क्रोनोलॉजी समझिए' 8 प्वाइंट में

राजस्थान में राजनीतिक माहौल गरमा रहा है. ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी मध्य प्रदेश के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की राह जाते दिखाई दे रहे हैं. दरअसल यह मामला उस समय गरमा गया है जब सीएम अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है.

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सचिन पायलट कुछ विधायकों के साथ दिल्ली आ गए हैं. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

राजस्थान में राजनीतिक माहौल गरमा रहा है. ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी मध्य प्रदेश के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की राह जाते दिखाई दे रहे हैं. दरअसल यह मामला उस समय गरमा गया है जब सीएम अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है. एसओजी और भ्रष्टाचार निरोधक टीम ने 3 निर्दलीय विधायकों को पूछताछ के लिए बुलाया है. इसके बाद से ये हलचल तेज हो गई है. इस बीच खबर आई है कि सचिन पायलट कैबिनेट की बैठक में हिस्सा न लेते हुए दिल्ली पहुंच गए हैं और उनके साथ कुछ विधायक भी हैं. बताया जा रहा है कि अब वह आलाकमान से मिलकर मामले को निपटाने के मूड में हैं.

राजस्थान में राजनीतिक उठा-पटक की 'क्रोनोलॉजी समझिए' 8 प्वाइंट में

  1. राजस्थान में एसओजी और एसीबी इस समय विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले की जांच कर रही है. एसीबी तीन निर्दलीय विधायकों से पूछताछ कर रही है. 

  2. राजस्थान विधानसभा चुनाव में सचिन पायलट ही मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे थे. लेकिन नतीजे आने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बना दिया. ऐसा ही मध्य प्रदेश में भी हुआ था जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा था. 

  3. इसके बाद लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की राजस्थान और मध्य प्रदेश में दोनों जगहों पर कांग्रेस की करारी हार हुई. सिंधिया और पायलट ने इसके लिए अपने-अपने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को दोषी ठहराया.  

  4. मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने बगावत कर दी अब वो बीजेपी के साथ हैं. राज्य में शिवराज सिंह चौहान है. कमलनाथ अब पूर्व सीएम हैं. 

  5. जून 2019 में अशोक गहलोत ने लोकसभा चुनाव में बेटे की हार पर बयान दिया कि सचिन पायलट को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. 

  6. जुलाई 2019 में अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में सीएम पद के लिए उनके अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था. एक तरह से उन्होंने सचिन पायलट के कद को चुनौती दी थी.

  7. अक्टूबर 2019 में राजस्थान में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 5 डिप्टी सीएम भी हो सकते हैं, यह बयान उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने दिया था. यह एक तरह से सीएम अशोक गहलोत पर निशाना था. 

  8. जनवरी 2020 में अस्पतालों में हुई नवजातों की मौत के मामले में अपनी सरकार पर निशाना साधते हुए सचिन पायलट ने कहा इसमे जिम्मेदारी तय होनी चाहिए. पुरानी सरकारों को नहीं कोस सकते हैं.  


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