आसाराम के खिलाफ नाबालिग लड़की पर यौन हमले का आरोप लगाया गया है। पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट में यौन हमला, दुष्कर्म, गैरकानूनी रूप से बंधक बनाना और आपराधिक हमला करने के आरोप लगाए गए हैं।
कहा जा रहा है कि आसाराम पर पोस्को कानून के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। कहा गया है कि एक गुरु होते हुए भी आसाराम ने अपनी शिष्या पर हमला किया है।
इसके अलावा आसाराम पर जेजे कानून के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।
इसके अलावा पुलिस ने आश्रम के शरत चंद्र (आश्रम का प्रशासक), प्रकाश (खानसामा), शिल्पी (गुरुकुल की वार्डन), शिवा (सहायक) को भी इस अपराध की साजिश में भागीदार बनाया गया है। कहा गया है कि ये सभी लड़की आसाराम तक पहुंचाने के लिए जिम्मेदार हैं।
पुलिस की जांच कहती है कि इन लोगों ने लड़की को डराया कि उसपर भूतों का साया है और गुरुकुल की एक दूसरी छात्र से भूत होने का प्रदर्शन करवाया ताकि लड़की डर जाए और आसाराम के गिरफ्त में पहुंच जाए।
कहा जा रहा है कि यह भूत का प्रदर्शन शरत चंद्र ने गुरुकुल में अपने कमरे में पीड़ित के सामने एक लड़की से करवाया। यह भी बताया जा रहा है कि पीड़ित को किसी ने भी डॉक्टर से दिखाने की कोशिश नहीं की कि लड़की को चक्कर क्यों आ रहे हैं। चक्कर आने की वजह सभी ने भूत ही बताया और कहा कि इसका इलाज सिर्फ आसाराम ही कर सकते हैं।
इस मामले में पुलिस ने 14 पन्नों की चार्जशीट दायर की है।
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