गुवाहाटी:
असम में रातभर हुई भारी बारिश के कारण नदियों में आई अचानक बाढ़ से सड़कों और कई अन्य जगहों पर पानी भर गया। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने मंगलवार को चेतावनी जारी की है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से करीब 75 हजार लोगों को हटा दिया गया। सरकार के प्रवक्ता ने कहा, "अब तक 75 हजार से अधिक लोगों को कई कैम्पों में शरण दी गई है।" अब तक बाढ़ से चार जिलों लखीमपुर, धेमाजी, सोनितपुर और जोरहट के करीब 800 गांव प्रभावित हुए हैं। केंद्रीय जल आयोग बुलेटिन के अनुसार ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियां आठ जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। एक अधिकारी ने कहा, "हमने सभी एजेंसियों को चेतावनी दे दी है। राहत सामग्री और चिकित्सक दल भी प्रभावित क्षेत्र पर पहुंच गया है।" गुवाहाटी से लगभग 400 किमी की दूरी पर लखीमपुर और धेमाजी जिले में अब तक 50 हजार लोग विस्थापित किए जा चुके हैं। एक अधिकारी के मुताबिक, "बाढ़ से प्रभावित लोग ऊंचे स्थानों, रेलगाड़ी की पटरियों और सरकारी दफ्तरों, स्कूलों में पनाह ले रहे हैं।" जोरहट जिले के मुजाली नदी द्वीप के तटबंधों में दरार पड़ने से हजारों लोग असहाय हो गए। पानी की तेज धारा ने सड़क मार्ग को तोड़ दिया है। राष्ट्रीय राजमार्ग-52 भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के बड़े हिस्से में पानी घुस जाने से वन सुरक्षाकर्मियों को बाहर निकलना पड़ा और जानवरों को सुरक्षित स्थानों पर भागना पड़ा। एक अधिकारी के कहा, " हालात बहुत खराब है और हम जानवरों और अपने वन सुरक्षाकर्मियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।"