नई दिल्ली : नेशनल जुडिशियल अपॉइंटमेंट कमिशन को लेकर अब नया मोड़ आ गया है। इस मामले में केंद्र और SC फिर आमने सामने आ गए हैं। चीफ़ जस्टिस एचएल दत्तू ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर कहा है कि जब तक संविधान पीठ का फैसला नहीं आता, हम NJAC में भाग नहीं लेंगे।
अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने इस मामले को संविधान पीठ के सामने उठाया। उन्होंने कहा इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कोई रोक नहीं लगायी है लिहाज़ा अदालत कोई निर्देश जारी करे कि मुख्य न्यायाधीश कमिशन की बैठकों में हिस्सा लें लेकिन पीठ ने कहा कि वो इस मामले की सुनवाई जारी रखेंगे।
यानी भले ही कमिशन पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक नहीं लगाई है लेकिन CJI के इस क़दम से कमिशन के कामकाज पर एक बार फिर से ब्रेक लग गए हैं। क्योंकि कमिशन में दो प्रतिष्ठित व्यकि्तयों की नियुक्ति के लिए उनका भाग लेना ज़रूरी है।
नेशनल जुडिशियल अपॉइंटमेंट कमिशन को सुप्रीम कोर्ट में चुनोती देने वाली जनहित याचिका पर 5 जजों की संविधान पीठ सुनवाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि इस बिल की वजह से जजों की नियुक्ति में राजनैतिक दखल बढ़ेगा, चयन समिति में रखे गए न्यायविदों की योग्यता के बारे में भी कोई पैमाना नहीं रखा गया है।
इससे पहले कोर्ट के कड़े रुख के बाद केंद्र सरकार ने भरोसा दिलाया था कि फ़िलहाल नए जजों की नियुक्ति नहीं की जायेगी लेकिन कमिशन अपना काम करता रहेगा।
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