
शुक्रवार को एटीएम के बाहर लोगों की लंबी कतार दिखी
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एटीएम में समय से नकदी न पहुंचने की वजह से लोगों को भारी दिक्कत
बैंकों तक नकदी ले जा रहे कैश वैन पर स्थानीय गैंग्स के हमले की आशंका
राज्य सरकारों से 'कैश वैन' को अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है
देश के अंदर काले धन पर लगाम लगाने के मकसद से सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने के ऐलान के तीन दिनों बाद केंद्र ने कैश वैन को लेकर ये एडवाइजरी जारी की है.
इनमें से ज्यादातर वैन निजी कंपनियों के हैं. बैंक और एटीएम के लिए नकदी ले जा रहे कैश वैन पर स्थानीय असामाजिक गिरोह या बदमाश हमला कर सकते हैं, जिन्हें कि इस नोट बंदी से काफी नुकसान हुआ है.
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि एटीएम और बैंकों की नकदी लाने-ले जाने के लिए देश भर में ऐसे करीब 8000 कैश वैन हैं. सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया, 'ये वैन दिन भर में अधिकतम करीब 15,000 करोड़ रुपये तक ले जा सकते हैं. ऐसे में अगर हिसाब लगाए तो 16 लाख करोड़ रुपये, जो कि कुल निकाली गई रकम के मूल्य का 86.4 फीसदी हिस्सा है, बैंकों से निकाले बैंकों और एटीएम तक पहुंचाने में इन्हें करीब 100 दिनों का वक्त लग सकता है.
सूत्रों के मुताबिक, ऐसे में गृह मंत्रालय बैंकों और एटीएम तक जल्द नकदी पहुंचाने के लिए कैस वैन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में थोड़ी ढील देने पर विचार कर रही है. इस वक्त शहरी इलाकों में रात 8 बजे तक एटीएम और बैंकों को नकदी पहुंचाई जाती है, जबकि उत्तर पूर्वी राज्यों में यह समयसीमा शाम 5 बजे, वहीं नक्सल प्रभावित इलाकों में शाम 3 बजे तक की है.
सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोट बंद किए जाने के ऐलान के बाद एटीएम दो दिनों तक बंद रहने के बाद जब शुक्रवार को दोबारा खुले तो वहां काफी अफरातफरी का माहौल दिखा. घंटों एटीएम की कतार में लगे रहने के बावजूद कई लोगों को आखिर में निराशा ही हाथ लगी, जब एटीएम में पैसे खत्म हो गए.
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