अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल साढ़ू भ्रष्टाचार मामले में 30 हजारी कोर्ट ने पीडब्लूडी विभाग में मौजूद मामले से जुड़े कांट्रेक्ट से संबंधित दस्तावेज जब्त करने के आदेश दिए हैं. इस मामले में 6 फरवरी तक दिल्ली पुलिस से एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी गई है. गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर मुकदमा दर्ज करने को लेकर की गई शिकायत के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने फैसला सुनाया है. केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने अपने साढ़ू को अवैध तरीके से पीडब्ल्यूडी में ठेके दिलवाकर सरकारी खजाने को 10 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है.
याचिका लगाने वाले वकील किसलय पांडेय ने अदालत के समक्ष कहा कि इस मामले में बड़ी गहराई तक भ्रष्टाचार फैला हुआ है. अरविंद केजरीवाल ने पहले अपने साढ़ू सुरेंद्र कुमार बंसल को पीडब्ल्यूडी के ठेके दिलवाए. ये ठेके मामूली सड़क मरम्मत आदि से जुड़े थे. इस संबंध में आरटीआई लगाई गई तो पता चला कि सुरेंद्र बंसल ने मरम्मत कार्य के लिए जिन लोगों से ईंट, सीमेंट, सरिया आदि खरीदा उनके खातों में बंसल के साथ हुए किसी लेन-देन का जिक्र ही नहीं है.
दरअसल कंस्ट्रक्शन बिजनेस से जुड़े अरविंद केजरीवाल के रिश्तेतदार सुरेंद्र कुमार बंसल पर आरोप है कि उन्होंने पीडब्ल्यूडी में फर्जी बिलों के माध्यम से भारी लाभ कमाया.बंसल को निकाय एजेंसी ने नाला बनाने के लिए कांट्रैक्ट दिया था. आरोप लगाने वाली एनजीओ रोड्स एंटी-करप्शन ऑर्गेनाइजेशन की शिकायत है कि बंसल ने फर्जी कंपनियों के माध्यम से बिल बनाकर निकाय एजेंसी को दिया और केजरीवाल ने उनकी मदद की. इन बिलों को पास कर दिया गया और उन्होंने इसके माध्यम से कमाई की.
याचिका लगाने वाले वकील किसलय पांडेय ने अदालत के समक्ष कहा कि इस मामले में बड़ी गहराई तक भ्रष्टाचार फैला हुआ है. अरविंद केजरीवाल ने पहले अपने साढ़ू सुरेंद्र कुमार बंसल को पीडब्ल्यूडी के ठेके दिलवाए. ये ठेके मामूली सड़क मरम्मत आदि से जुड़े थे. इस संबंध में आरटीआई लगाई गई तो पता चला कि सुरेंद्र बंसल ने मरम्मत कार्य के लिए जिन लोगों से ईंट, सीमेंट, सरिया आदि खरीदा उनके खातों में बंसल के साथ हुए किसी लेन-देन का जिक्र ही नहीं है.
दरअसल कंस्ट्रक्शन बिजनेस से जुड़े अरविंद केजरीवाल के रिश्तेतदार सुरेंद्र कुमार बंसल पर आरोप है कि उन्होंने पीडब्ल्यूडी में फर्जी बिलों के माध्यम से भारी लाभ कमाया.बंसल को निकाय एजेंसी ने नाला बनाने के लिए कांट्रैक्ट दिया था. आरोप लगाने वाली एनजीओ रोड्स एंटी-करप्शन ऑर्गेनाइजेशन की शिकायत है कि बंसल ने फर्जी कंपनियों के माध्यम से बिल बनाकर निकाय एजेंसी को दिया और केजरीवाल ने उनकी मदद की. इन बिलों को पास कर दिया गया और उन्होंने इसके माध्यम से कमाई की.
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