प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महामारी के शुरुआती दौर में कोरोना (Coronavirus) फैलाने के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया. पीएम के आरोपों पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और महाराष्ट्र में सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस तथा शिवसेना ने कड़ा विरोध किया है. पीएम मोदी (PM Modi) ने अपनी टिप्पणी में कहा कि 2020 में लॉकडाउन की घोषणा के बाद विपक्ष ने प्रवासी मजदूरों को घर जाने में सक्षम बनाकर कोविड फैलाने का काम किया.
केजरीवाल ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का ये बयान सरासर झूठ है. उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों की पीड़ा पर राजनीति करना प्रधानमंत्री जी को शोभा नहीं देता.
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट किया, "प्रधानमंत्री जी का ये बयान सरासर झूठ है. देश उम्मीद करता है कि जिन लोगों ने कोरोना काल की पीड़ा को सहा, जिन लोगों ने अपनों को खोया, प्रधानमंत्री उनके प्रति संवेदनशील होंगे. लोगों की पीड़ा पर राजनीति करना प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता."
प्रधानमंत्री जी का ये बयान सरासर झूठ है। देश उम्मीद करता है कि जिन लोगों ने कोरोना काल की पीड़ा को सहा, जिन लोगों ने अपनों को खोया, प्रधानमंत्री जी उनके प्रति संवेदनशील होंगे। लोगों की पीड़ा पर राजनीति करना प्रधानमंत्री जी को शोभा नहीं देता। pic.twitter.com/Dd4NsRNGCY
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 7, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष पर महामारी के शुरुआती दौर में देश में कोविड के प्रसार में जिम्मेदार होने का आरोप लगाया.
महाराष्ट्र और दिल्ली की विपक्ष शासित सरकारों पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा, "कांग्रेस ने हद पार कर दी है... पहली लहर के दौरान... कांग्रेस ने मुंबई रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों को टिकट दिए और कोरोना को फैलाया... दिल्ली में, सरकार ने जीप पर माइक बांधकर दिल्ली की झुग्गी-झोपड़ियों में गाड़िया घुमाकर कहा कि संकट बड़ा है, भागो गांव जाओ, घर जाओ और दिल्ली से जाने के लिए बसें दीं.
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उन्होंने कहा कि इसके चलते उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में जहां कोरोना की उतनी रफ्तार नहीं थी वहां भी कोरोना ने लोगों को चपेट में ले लिया.
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस टिप्पणी पर तीखा पलटवार किया. महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री की टिप्पणी के विपरीत महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया, जबकि कांग्रेस ने प्रवासी श्रमिकों की मदद की.
महाराष्ट्र के मंत्री बालासाहेब थोराट और अशोक चव्हाण ने लोकसभा में की गई प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणियों को ‘दुर्भाग्यपूर्ण' करार देते हुए कहा कि यह उनके पद के अनुकूल नहीं थीं. उन्होंने कहा कि केंद्र अपनी विफलताओं को छिपाने की कोशिश कर रहा है. चव्हाण ने कहा, ‘‘कांग्रेस पर दोष मढ़कर प्रधानमंत्री ने अपनी तुच्छ सोच दिखाई है. केंद्र को प्रवासी मजदूरों को वापसी की सुविधा देनी चाहिए थी, लेकिन वह इस जिम्मेदारी से भाग गई.'' चव्हाण ने कहा कि प्रधानमंत्री की टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण और निराधार है.
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थोराट ने कहा कि कांग्रेस को उत्तर प्रदेश के मजदूरों की मदद करने पर गर्व है. थोराट ने आरोप लगाया कि केंद्र ने बिना किसी तैयारी के लॉकडाउन लागू कर दिया. उन्होंने कहा कि जब मजदूर अपने राज्यों को वापस जाना चाहते थे, तो रेलवे बंद कर दिया गया था. कई लोगों की पैदल जाते समय मौत हो गई.
Last but not the least, the 2nd wave was mismanaged because the central government was busy seeking votes at large rallies, disregarding preparations for scaling up beds, oxygen & medicines. It failed to stock vaccines. Have some honesty in discourse. End.
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) February 7, 2022
वहीं, शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने जोर दिया कि अगर कोरोना महामारी के कारण अचानक हुए लॉकडाउन के बाद फंसे हुए प्रवासियों की देखभाल करना प्रधानमंत्री की नजर में गलत था, तो हम मानवता की खातिर इस गलती को 100 बार दोहराएंगे.
वीडियो: पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कांग्रेस पर किए चौतरफा हमले
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