अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है। दूसरी ओर पार्टी के संस्थापक सदस्यों प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को पार्टी के लिए निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था से निष्कासित किया जाना तय है।
'आप' की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को बुधवार सुबह भेजे अपने इस्तीफे में अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उनके पास दिल्ली में 'काफी ज़्यादा काम है', और वह दोनों पदों को प्रभावी ढंग से नहीं संभाल पाएंगे। वैसे अरविंद केजरीवाल आज की बैठक में भी हिस्सा नहीं लेंगे।
इसी सप्ताह के दौरान यह अरविंद केजरीवाल की ओर से इस्तीफे की दूसरी पेशकश है, और उम्मीद की जा रही है कि इसे भी खारिज कर दिया जाएगा। हालांकि 'आप' ने यादन और भूषण को निष्कासित करने का फैसला कर लिया है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने एनडीटीवी से कहा कि किसी भी तरह के समझौते के लिए अब बहुत देर हो चुकी है।
आप के कुछ नेताओं ने योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण पर केजरीवाल को पद से हटाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है।
वहीं योगेंद्र यादव ने कहा है कि अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवई की जानी चाहिए।
आपको बता दें कि 46 वर्षीय केजरीवाल गुरुवार 5 मार्च को 10 दिन की मेडिकल लीव पर बेंगलुरु जा रहे हैं। वहां वो नैचुरोपैथी से अपनी शुगर और कफ की समस्या का उपचार कराएंगे। वहीं पार्टी के सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल आज की बैठक में शामिल होना नहीं चाहते।
केजरीवाल ने मंगलवार को ट्विटर पर लिखा, पार्टी में जो कुछ भी हो रहा है, मैं उससे बहुत दुखी व आहत हूं। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, मैं इस झगड़े में नहीं पड़ूंगा, बल्कि दिल्ली में सरकार चलाने पर ध्यान दूंगा। जनता के भरोसे को किसी भी हालत में नहीं टूटने दूंगा।
पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई उस वक्त खुलकर सामने आ गई जब दोनों खेमों के बीच कुछ आंतरिक चिट्ठियां सामने आ गईं।
भूषण ने एनडीटीवी से कहा कि उनके और केजरीवाल के बीच संवादहीनता की स्थिति है और पार्टी की कार्यपद्धति को लेकर गंभीर असहमति भी है। उन्होंने कहा कि पार्टी के 'वन मैन शो' की तरह हो जाने का गंभीर खतरा है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल वोट की राजनीति के लिए पार्टी की मुख्य विचारधारा से समझौता करने को तैयार थे।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं