नई दिल्ली:
देश के 70वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को लाखों-करोड़ों लोगों ने टीवी पर देखा-सुना होगा, लेकिन पीएम के शब्द दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कतई उत्साहित नहीं कर पाए, और उन्हें समारोह स्थल पर अन्य वीआईपी मेहमानों के साथ बैठे होने के बावजूद ऊंघते हुए देखा गया...
इससे भी ज़्यादा दिलचस्प तथ्य यह रहा कि जब सोशल मीडिया में अरविंद केजरीवाल के ऊंघने की ओर इशारा किया गया, तब उनके उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसका 'दोष' प्रधानमंत्री के 'बोरिंग' भाषण को दिया...
वैसे भी, आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और उनके साथियों के प्रधानमंत्री के डेढ़ घंटे से भी लंबे भाषण से उत्साहित होने की उम्मीद नहीं की जा सकती, क्योंकि वे आमतौर पर अदालतों में, और बाहर भी, प्रधानमंत्री पर दिल्ली की उनकी सरकार से मूलभूत अधिकारों को छीन लेने का आरोप लगाते रहे हैं, ताकि राज्य पर केंद्र सरकार का ज़रूरत से ज़्यादा आधिपत्य व नियंत्रण बना रहे... पिछले ही सप्ताह दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ फैसला भी सुनाया था, और कहा था कि उपराज्यपाल ही दिल्ली के प्रशासक हैं...
कुछ ही दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यूट्यूब पर एक वीडियो भी अपलोड किया था, जिसमें उन्होंने यहां तक आशंका जताई थी कि प्रधानमंत्री 'उनकी हत्या तक करवा सकते हैं, क्योंकि वह बौखलाए हुए हैं...' इसके साथ ही उन्होंने 10 दिन तक विपश्यना साधना के लिए जाने की भी घोषणा की थी, जिसमें वह मौन रहते हैं... पिछले ही हफ्ते दिल्ली वापसी के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को पंजाब, गुजरात और गोवा में चुनावी चुनौती देने की योजना बनाई, जहां जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं... फिलहाल तीनों ही राज्यों में बीजेपी सत्ता में है (बीजेपी पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के साथ मिलकर सत्तासीन है)...
इससे भी ज़्यादा दिलचस्प तथ्य यह रहा कि जब सोशल मीडिया में अरविंद केजरीवाल के ऊंघने की ओर इशारा किया गया, तब उनके उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसका 'दोष' प्रधानमंत्री के 'बोरिंग' भाषण को दिया...
लगता है प्रधानमंत्री @narendramodi जी की स्पीच काफी बोरिंग थी। https://t.co/7KVZw9kUaM
— Manish Sisodia (@msisodia) August 15, 2016
वैसे भी, आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और उनके साथियों के प्रधानमंत्री के डेढ़ घंटे से भी लंबे भाषण से उत्साहित होने की उम्मीद नहीं की जा सकती, क्योंकि वे आमतौर पर अदालतों में, और बाहर भी, प्रधानमंत्री पर दिल्ली की उनकी सरकार से मूलभूत अधिकारों को छीन लेने का आरोप लगाते रहे हैं, ताकि राज्य पर केंद्र सरकार का ज़रूरत से ज़्यादा आधिपत्य व नियंत्रण बना रहे... पिछले ही सप्ताह दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ फैसला भी सुनाया था, और कहा था कि उपराज्यपाल ही दिल्ली के प्रशासक हैं...
कुछ ही दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यूट्यूब पर एक वीडियो भी अपलोड किया था, जिसमें उन्होंने यहां तक आशंका जताई थी कि प्रधानमंत्री 'उनकी हत्या तक करवा सकते हैं, क्योंकि वह बौखलाए हुए हैं...' इसके साथ ही उन्होंने 10 दिन तक विपश्यना साधना के लिए जाने की भी घोषणा की थी, जिसमें वह मौन रहते हैं... पिछले ही हफ्ते दिल्ली वापसी के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को पंजाब, गुजरात और गोवा में चुनावी चुनौती देने की योजना बनाई, जहां जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं... फिलहाल तीनों ही राज्यों में बीजेपी सत्ता में है (बीजेपी पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के साथ मिलकर सत्तासीन है)...
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