यह ख़बर 21 अक्टूबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

केजरीवाल ने प्रधानमंत्री, सोनिया को दी बहस की चुनौती

खास बातें

  • कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह द्वारा पूछे गए प्रश्नों को दरकिनार करते हुए इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को भ्रष्टाचार पर सा
नई दिल्ली:

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह द्वारा पूछे गए प्रश्नों को दरकिनार करते हुए इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को भ्रष्टाचार पर सार्वजनिक बहस की चुनौती दे दी। हालांकि कांग्रेस ने चुनौती को अस्वीकार कर दिया।

दूसरी तरफ आईएएसी के कार्यकर्ताओं ने रॉबर्ट वाड्रा एवं डीएलएफ सौदे को मंजूरी देने का आरोप लगाते हुए रविवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर धरना दिया। केजरीवाल ने दावा किया कि पुलिस लाठीचार्ज में कई प्रदर्शकारी घायल हो गए। इस बीच केजरीवाल को उस वक्त संवाददाता सम्मेलन छोड़ना पड़ा जब आईएएसी की पूर्व सदस्य ने उनकी ही कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर दिया।

केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, "पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर उस वक्त लाठीचार्ज किया जब वे शांतिपूर्वक हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। कई लोगों को चोटें आई हैं। शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस अत्याचार निंदनीय है।"

केजरीवाल के संवाददाता सम्मेलन के दौरान उस वक्त नाटकीय स्थिति उत्पन्न हो गई जब आईएएसी की पूर्व सदस्य एनी कोहली ने उनकी कार्यप्रणाली पर प्रश्न खड़ा किया।

कोहली ने केजरीवाल से पूछा, "जब आप दूसरों से प्रश्न पूछते हैं तो वे आप से प्रश्न क्यों नहीं पूछ सकते?"

केजरीवाल पर जनलोकपाल से भटकने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, "केजरीवाल को अपना नजरिया स्पष्ट करना चाहिए कि वह राजनीतिज्ञ हैं या फिर क्रांतिकारी।"

इस अचानक बदले घटनाक्रम से हतप्रभ केजरीवाल कोहली को सुनने के बाद बिना कुछ कहे संवाददाता सम्मेलन को छोड़कर चले गए।

केजरीवाल ने कहा, "मैं पहले कभी भी कोहली से नहीं मिला हूं। मेरे विचार से उसे किसी ने भेजा था।"

केजरीवाल ने 27 सवाल पूछने वाले कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह से भी कहा कि पहले वह अपनी पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के जवाब दिलवाएं।

ज्ञात हो कि एक दिन पहले दिग्विजय सिंह ने केजरीवाल की संस्था को मिली आर्थिक सहायता और उनकी सरकारी सेवा के बारे में 27 सवाल पूछे थे।

दूसरी ओर कांग्रेस ने केजरीवाल की इस चुनौती को खारिज कर दिया है। केंद्रीय संसदीय राज्य मंत्री हरीश रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री हर मुद्दे और हर व्यक्ति को जवाब नहीं दे सकते।

केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने आईएसी और केजरीवाल के तरीके को समाज में अनुशासनहीनता को बढ़ावा देने वाला करार दिया।

दिग्विजय सिंह द्वारा पूछे गए 27 सवालों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केजरीवाल ने एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में कहा कि वह इन सवालों के जवाब तभी देंगे, जब दिग्विजय सिंह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ताओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दिला देंगे।

केजरीवाल ने कहा, "पहले वह मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और राहुल गांधी को हमारे आरोपों का जवाब देने के लिए राजी करें। उसके बाद मैं उनके हर प्रश्न का जवाब दे दूंगा।"

इसी दौरान, अरविंद केजरीवाल के सहयोगी कुमार विश्वास ने कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह को आमने-सामने आकर बहस करने की चुनौती दी है।

विश्वास ने कहा कि दिग्विजय जनाधार खो चुके नेता हैं और उन्हें फालतू बात करने के अलावा कुछ नहीं आता। सवाल पर बोलते हुए कुमार विश्वास ने कहा कि दिग्विजय प्रधानमंत्री कार्यालय से सवाल क्यों नहीं पूछते...।

दिग्विजय सिंह ने शनिवार को केजरीवाल से सम्बंधित एक गैर सरकारी संगठन को मिली विदेशी आर्थिक सहायता के बारे में सवाल पूछा था।

केजरीवाल ने कहा, "वे हमसे हमारे निजी जीवन के बारे में चाहे जितने प्रश्न पूछ सकते हैं, हम उनका जवाब देंगे। उसके बाद हम उनसे पूछेंगे.. उन्हें भी सार्वजनिक तौर पर जवाब देना होगा।"

केजरीवाल ने कहा कि उनके संगठन ने सत्ता पक्ष व विपक्षी दलों के बीच इसी गठजोड़ पर तो सवाल उठाए।

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केजरीवाल ने कहा, "वे इन मुद्दों को नैतिक आधार पर नहीं छिपा रहे हैं, बल्कि भ्रष्ट आधारों पर छिपा रहे हैं। मैं इसे स्वीकार करने के लिए दिग्विजय सिंह को बधाई देता हूं। उनके पास भाजपा नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत हैं और भाजपा नेताओं के पास वाड्रा और दिग्विजय सिंह के खिलाफ। लेकिन दोनों के बीच एक आपसी समझौता हो गया है।"