प्रेस कांफ्रेंस के दौरान प्रशांत भूषण, यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी.
नई दिल्ली:
राफेल लड़ाकू विमान सौदे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'व्यक्तिगत संलिप्तता' का आरोप लगाते हुए बीजेपी के पूर्व मंत्रियों यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री ने सौदे को एकतरफा अंतिम रूप देकर, रक्षा खरीद के सभी नियमों को ताक पर रखकर 'राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया है.' यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी दोनों ने कहा कि सरकार ने देश के सबसे बड़े रक्षा घोटाले में मोदी की संलिप्तता को बचाने के लिए झूठ का पुलिंदा बुना है. शौरी ने कहा, "उन्होंने जो भी स्पष्टीकरण दिया, उसने सरकार को झूठ के जाल में फंसाने का काम किया है." उन्होंने कहा कि मोदी को संप्रग सरकार के सौदे को पलटने का कोई अधिकार नहीं था, जो कि संबंधित लोगों द्वारा किया गया मुश्किल काम था और यह सात-आठ वर्षो की मेहनत का परिणाम था.
यशवंत सिन्हा ने क्या कहा
यशवंत सिन्हा ने क्या कहा
- भारत के हिसाब से कुछ करना सीक्रेट नही हैं. जैसा यूपीए के वक़्त था अभी भी है.
- सारा ब्लैक मनी बैंक में है किसी न किसी के खाते में है. नोटबंदी पूरी तरफ से फ्लॉप रही है. ब्लैक मनी को सफेद किया गया.
- पेट्रोल डीजल,रुपये की घटती कीमत जैसी समस्याओं से पहली बार इस सरकार को छोटी-मोटी क्राइसिस का सामना करना पड़ रहा है और बंगले झांक रहे हैं.
- इसमे कोई संदेह नहीं है कि पीएम ने 'डिफेंस प्रोक्योरमेंट पालिसी' का पालन नहीं किया और कीमत को लेकर बोला.
- अगर फ्रांस के साथ सीक्रेट डील थी तो कैसे संसद में कीमत बता दी.
- 126 से 36 विमान खरीदना देश की सुरक्षा से खिलवाड़ है. सरकार ने कहा कि 36 एयरक्राफ्ट की जल्द से जल्द जरूरत है. लेकिन कुछ मीडिया में रिपोर्ट आई कि पहला एयरक्राफ्ट 2019 में और बाकी 2022 में आएगा.
- पीएम ने कैसे 126 से 36 विमान खरीदने का फैसला किया. ऑफसेट में गवर्मेन्ट का रोल था.
- नए डील को लेकर किसी को पता नहीं था सिवाए मोदी और अनिल अंबानी को छोड़कर.
- एयरफोर्स ने 126 विमान लेने को कहा था. 2007 में टेंडर जारी किया गया. मोदी सरकार ने पुराने डील पर बात की थी . 10 तारीख की सुबह कुछ और था और शाम को नई डील हो गई.
- डील थी कि 126 की जगह सिर्फ 26 एयरक्राफ्ट आएंगे और इस डील का पता सिर्फ अनिल अंबानी को ही पता था.
- सवाल ये है कि 126 से 26 कैसे कर दिए गए. ये पीएम ने कैसे कर दिया. इस बात का पता रक्षा मंत्री को भी नहीं थी.
- पिछले दरवाजे से डील में आ जाते हैं. देश के लोगों को कितना बेवकूफ बनाएंगे. पोल तब खुली जब रिलायंस और डेसाल्ट ने अपने स्टेटमेंट कहा कि हवाई जहाज की कीमत 60 हजार करोड़ के आसपास है.
- एयरोनॉटिक्स गायब हो गया और रिलायंस आ गया. कीमत 600 की जगह 1600 करोड़ रुपये हो गई. रफाल डील पर रक्षा मंत्री नहीं ब्लॉगिंग मंत्री (अरुण जेटली) बोलने लगते हैं. फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद की पत्नी के साथ फ़िल्म को लेकर अनिल अंबानी की डील हो गई.
- देश के खजाने को हलवा बनाकर खा लेंगे. इनको लगता है आज कोई कानून नहीं है. अपने पत्रकार से हिंदुस्तान एयरोनेटिक्स के बारे गलत खबर लिखवा रहे हैं. आप के पिठ्ठू लोग मीडिया में बैठे बताते हैं कि नहीं इतना रेट है उतना रेट है.
- पिठ्ठू जर्नलिस्ट से स्टोरी करवा रहे हैं हिंदुस्तान एयरोनॉटिसक्स ठीक नहीं था इसलिए हमने बाहर किया. एयरफोर्स के अधिकारी से झूठ बोल रहे हैं कि 36 विमान ले लीजिए. एयरफोर्स का मनोबल खत्म किया जा रहा है. जो जहाज 20 से 25 हज़ार में आना था वो 60 हज़ार में ले रहे हैं.
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