वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर निशाना साधा है. इस बार उन्होंने राहुल पर निशाना साधने के लिए टि्वटर का सहारा लिया है. उन्होंने कहा कि 'आपातकाल की तानाशाह' के पोते ने अपना असली डीएनए दिखा दिया. उन्होंने यह निशाना न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए पीएम मोदी (PM Modi) के इंटरव्यू को लेकर राहुल द्वारा उठाए गए सवालों को लेकर साधा है.
राहुल ने बुधवार को लोकसभा में अपने भाषण में कहा था कि पीएम मोदी ने ‘पूर्वनियोजित साक्षात्कार' दिया. इसका बाद राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में फिर से इसका मजाक बनाया था. उन्होंने कहा था, ‘क्या आपने प्रधानमंत्री का मंगलवार का साक्षात्कार देखा? वह हंस रहे थे. अनुकूल पत्रकार (साक्षात्कार ले रही थी). वह सवाल पूछ रही थीं और प्रधानमंत्री के जवाब भी दे रही थीं.'
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इस पर वित्त मंत्री जेटली ने बुधवार को ट्वीट करते हुए कहा, ' 'आपातकाल की तानाशाह' के पोते ने अपना असली डीएनए दिखा दिया है. उन्होंने एक स्वतंत्र संपादक को डराया और धमकी दी है.' इसके अलावा उन्होंने एक और ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा, 'छद्म उदारवादी चुप क्यों हैं? एडिटर्स गिल्ड की प्रतिक्रिया का इंतजार है.'
The Grandson of the ‘Emergency dictator' displays his real DNA – attacks and intimidates an independent Editor.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) January 3, 2019
Why are the pseudo liberals silent? Waiting for the Editors guild's response.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) January 3, 2019
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बता दें, भाजपा (BJP) ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टेलीविजन साक्षात्कार को ‘पूर्वनियोजित' कहने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से माफी मांगने को कहा था. गांधी ने यह भी आरोप लगाया था कि यह साक्षात्कार एक ‘अनुकूल पत्रकार' ने लिया. भाजपा मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने देर रात दिये बयान में मोदी का साक्षात्कार लेने वाली पत्रकार का बचाव किया और कहा कि गांधी द्वारा मीडियाकर्मी पर निशाना साधना पत्रकारों के बारे में कांग्रेस की मानसिकता दर्शाता है.
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उन्होंने कहा, ‘यह स्वतंत्र पत्रकारिता के बारे में कांग्रेस की मानसिकता रही है. राहुल गांधी का डीएनए आपातकाल का है. उनकी पार्टी का पत्रकारिता को कुचलने का इतिहास रहा है. उन्हें अपनी ओछी टिप्पणियों के लिए देश के पत्रकारों से माफी मांगनी चाहिए.'
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बता दें, राफेल मामले पर एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री की टिप्पणी को लेकर गांधी ने कहा था कि न जाने मोदी किस दुनिया मे रहते हैं, जबकि हकीकत यह है कि पूरा देश उनसे राफेल पर सवाल पूछ रहा है. उन्होंने कहा था कि इस मामले में प्रधानमंत्री को सच्चाई और विश्वसनीयता के साथ जवाब देना चाहिए. गांधी ने कहा था, 'राफेल मामले पर प्रधानमंत्री के साथ आमने सामने से बात करने के लिए 20 मिनट दीजिये और फिर आप फैसला करिए कि क्या होता है. लेकिन प्रधानमंत्री के पास साहस नहीं है. उनके पास आपके (मीडिया) सामने आने का साहस नहीं है.'
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