सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े रहे डी एस हुड्डा को राहुल गांधी द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा टास्क फोर्स की कमान सौंपने के फैसले पर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने चुटकी ली है. केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने कांग्रेस पर चुटकी लेते हुए कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि पांच दशक तक शासन करने वाली कांग्रेस को राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर पाठ पढ़ना पड़ रहा है. अरुण जेटली का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पार्टी ने सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े रहे डी एस हुड्डा को राष्ट्रीय सुरक्षा टास्क फोर्स का कमान सौंपी है.
अरुण जेटली ने कांग्रेस से कहा कि उसे ऐसा संकेत नहीं देना चाहिए कि आतंकवाद के मुद्दे पर भारत बंटा हुआ है. लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा के अनुभव का संज्ञान लेते हुए अरुण जेटली ने कहा, ‘मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि वह सबसे पुरानी पार्टी (कांग्रेस) को मूल्यवान सुझाव देंगे.'वित्त मंत्री ने अपने ब्लाग में लिखा कि सेवानिवृत सैन्य अधिकारी की नियुक्ति सर्जिकल स्ट्राइक को देर से प्रदान की गई मान्यता एवं स्वीकृति है जिससे हुड्डा जुड़े थे.
उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि सलाहकार पैनल पार्टी नेताओं को इस बारे में बतायेगा कि सर्जिकल स्ट्राइक नियमित कदम नहीं था जो अतीत में उठाये गए बल्कि भारत के लिये पहला महत्वपूर्ण कदम था.'कांग्रेस की ओर से मोदी सरकार पर सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया जाता रहा है. सर्जिकल स्ट्राइक 29 सितंबर 2016 को सेना की ओर से किया गया था जिसमें नियंत्रण रेखा के पार कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था.
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अरुण जेटली ने कहा कि एक ऐसे दल जिसने आधी शताब्दी तक देश पर शासन किया, उसके संबंध में यह आशश्चर्यजनक है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर उसे पाठ पढ़ना पड़ रहा है. इससे पहले अरुण जेटली ने कहा कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक लड़ाई जीतने के लिए भारत सभी कूटनीतिक या अन्य उपायों का इस्तेमाल करेगा.
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