नई दिल्ली:
सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने मंगलवार को कहा कि सेना "सभी चुनौतियों" के लिए तैयार है। इसके एक दिन पहले उन्होंने कहा था कि सेना के पास जवाबी कार्रवाई का अधिकार सुरक्षित है।
बिक्रम सिंह ने 65वें सेना दिवस पर यहां अपने सम्बोधन में कहा, "मैं राष्ट्र को आश्वस्त कर देना चाहता हूं कि भारतीय सेना सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए और शत्रु की साजिशों को विफल करने के लिए तैयार है।"
जम्मू एवं कश्मीर में सीमा पर मौजूदा तनाव के बीच जनरल सिंह ने कहा कि भारतीय सेना की सामरिक तैयारी सर्वोच्च स्तर पर है। उन्होंने कहा, "भारतीय सेना देश की अपेक्षाएं पूरी करने में सक्षम है। हमारा देश काफी समय से आंतरिक और बाहरी चुनौतियों का सामना कर रहा है और मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि भारतीय सेना सभी चुनौतियों के लिए तैयार है।"
जन. बिक्रम सिंह ने कहा कि सेना अपनी संचालन और चौकसी क्षमता बढ़ा रही है। उन्होंने कहा, "हम मानवरहित विमानों और लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को बेड़े में शामिल कर चौकसी पर जोर दे रहे हैं।"
सेना प्रमुख ने कहा कि मानवाधिकार संरक्षण का सेना का रिकार्ड दुनिया में सर्वोत्तम है। उन्होंने कहा, "सभी कमांडरों को सेना की धर्मनिरपेक्ष और गैरराजनीतिक छवि मन में रखनी चाहिए और राष्ट्र निर्माण की भावना के साथ काम करना चाहिए।"
सेना प्रमुख ने आपदा के दौरान सेना के प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने पूर्व सैनिकों, विधवाओं और सैन्य कार्रवाई के दौरान नि:शक्त हुए जवानों के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 6900 भारतीय जवान संयुक्त राष्ट्र अभियानों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
सेनाध्यक्ष ने परेड की सलामी ली। परेड के बाद "दुश्मनों के इलाके" में सैनिकों की क्षमता को प्रदर्शित किया गया।
इसके पहले जनरल सिंह ने इंडिया गेट स्थित शहीद स्मारक, अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। इस मौके पर सैनिकों को वीरता पुरस्कार प्रदान किए गए।
बिक्रम सिंह ने इसके पहले सोमवार को, पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा की गई दो भारतीय जवानों की हत्या को अक्षम्य कृत्य करार दिया था और कहा था कि उनकी सेना के पास जवाबी हमले का अधिकार सुरक्षित है।
प्रत्येक 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है। इसी दिन 1948 में लेफ्टिनेंट जनरल केएम करियप्पा ने अंतिम ब्रिटिश कमांडर सर फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना के पहले कमांडर इन चीफ का कार्यभार ग्रहण किया था।
बिक्रम सिंह ने 65वें सेना दिवस पर यहां अपने सम्बोधन में कहा, "मैं राष्ट्र को आश्वस्त कर देना चाहता हूं कि भारतीय सेना सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए और शत्रु की साजिशों को विफल करने के लिए तैयार है।"
जम्मू एवं कश्मीर में सीमा पर मौजूदा तनाव के बीच जनरल सिंह ने कहा कि भारतीय सेना की सामरिक तैयारी सर्वोच्च स्तर पर है। उन्होंने कहा, "भारतीय सेना देश की अपेक्षाएं पूरी करने में सक्षम है। हमारा देश काफी समय से आंतरिक और बाहरी चुनौतियों का सामना कर रहा है और मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि भारतीय सेना सभी चुनौतियों के लिए तैयार है।"
जन. बिक्रम सिंह ने कहा कि सेना अपनी संचालन और चौकसी क्षमता बढ़ा रही है। उन्होंने कहा, "हम मानवरहित विमानों और लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को बेड़े में शामिल कर चौकसी पर जोर दे रहे हैं।"
सेना प्रमुख ने कहा कि मानवाधिकार संरक्षण का सेना का रिकार्ड दुनिया में सर्वोत्तम है। उन्होंने कहा, "सभी कमांडरों को सेना की धर्मनिरपेक्ष और गैरराजनीतिक छवि मन में रखनी चाहिए और राष्ट्र निर्माण की भावना के साथ काम करना चाहिए।"
सेना प्रमुख ने आपदा के दौरान सेना के प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने पूर्व सैनिकों, विधवाओं और सैन्य कार्रवाई के दौरान नि:शक्त हुए जवानों के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 6900 भारतीय जवान संयुक्त राष्ट्र अभियानों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
सेनाध्यक्ष ने परेड की सलामी ली। परेड के बाद "दुश्मनों के इलाके" में सैनिकों की क्षमता को प्रदर्शित किया गया।
इसके पहले जनरल सिंह ने इंडिया गेट स्थित शहीद स्मारक, अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। इस मौके पर सैनिकों को वीरता पुरस्कार प्रदान किए गए।
बिक्रम सिंह ने इसके पहले सोमवार को, पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा की गई दो भारतीय जवानों की हत्या को अक्षम्य कृत्य करार दिया था और कहा था कि उनकी सेना के पास जवाबी हमले का अधिकार सुरक्षित है।
प्रत्येक 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है। इसी दिन 1948 में लेफ्टिनेंट जनरल केएम करियप्पा ने अंतिम ब्रिटिश कमांडर सर फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना के पहले कमांडर इन चीफ का कार्यभार ग्रहण किया था।
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