नई दिल्ली:
सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह का मानना है कि उच्चतम न्यायालय ने उनकी उम्र से जुड़े विवाद का कारगर तरीके से निपटारा नहीं किया है। हालांकि, उन्होंने अपने इस्तीफे की संभावना से इनकार किया।
उम्र विवाद पर रक्षा मंत्रालय के साथ कानूनी लड़ाई में जनरल सिंह को हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा, ‘यह कहना बेईमानी होगी कि मुझपर इस्तीफा देने का दबाव नहीं था। यहां तक कि मेरे करीबी सलाहकार भी मीडिया की व्याख्या से प्रभावित थे और हां, मैं बेहद निराश था कि उच्चतम न्यायालय ने इस मुद्दे का कारगर तरीके से निपटारा नहीं किया।’ उन्होंने कहा, ‘चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ होने के नाते सेना और उसके कर्मियों के प्रति मेरी जिम्मेदारी है और मुझे अधूरे कार्यों को देखना है जिसे मैंने अपने लिए निर्धारित किया है। मैं तब तक नहीं छोड़ सकता जब तक कि मैंने जो शुरू किया है उसे पूरा न कर लूं। सांगठनिक हित सर्वोच्च हैं।’
जनरल सिंह ने कहा कि अनेक टिप्पणीकार इसे असैन्य-सैन्य संबंधों में तनाव के क्लासिक मामले के तौर पर देख रहे थे और उन्होंने उनके इस्तीफे की भविष्यवाणी करने के लिए जनरल केएस थिमैया के अपूर्ण इस्तीफे से तुलना की।
उम्र विवाद पर रक्षा मंत्रालय के साथ कानूनी लड़ाई में जनरल सिंह को हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा, ‘यह कहना बेईमानी होगी कि मुझपर इस्तीफा देने का दबाव नहीं था। यहां तक कि मेरे करीबी सलाहकार भी मीडिया की व्याख्या से प्रभावित थे और हां, मैं बेहद निराश था कि उच्चतम न्यायालय ने इस मुद्दे का कारगर तरीके से निपटारा नहीं किया।’ उन्होंने कहा, ‘चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ होने के नाते सेना और उसके कर्मियों के प्रति मेरी जिम्मेदारी है और मुझे अधूरे कार्यों को देखना है जिसे मैंने अपने लिए निर्धारित किया है। मैं तब तक नहीं छोड़ सकता जब तक कि मैंने जो शुरू किया है उसे पूरा न कर लूं। सांगठनिक हित सर्वोच्च हैं।’
जनरल सिंह ने कहा कि अनेक टिप्पणीकार इसे असैन्य-सैन्य संबंधों में तनाव के क्लासिक मामले के तौर पर देख रहे थे और उन्होंने उनके इस्तीफे की भविष्यवाणी करने के लिए जनरल केएस थिमैया के अपूर्ण इस्तीफे से तुलना की।
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