लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में चीन ने कोई घुसपैठ नहीं की : सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत

दरअसल इससे पहले खबर आई थी कि दलाई लामा के जन्मदिन के मौके पर कुछ तिब्बतियों के अपना झंडा फहराने के बाद चीनी सैनिक पिछले सप्ताह जम्मू कश्मीर के लद्दाख संभाग के डेमचोक सेक्टर में भारतीय भूभाग में पांच किलोमीटर अंदर तक आ गए थे. अधिकारियों ने शुक्रवार को यहां बताया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवान एसयूवी पर सवार होकर छह जुलाई को भारतीय भूभाग के काफी अंदर तक आ गए थे और तिब्बती शरणार्थियों द्वारा झंडा फहराए जाने का विरोध किया.    

लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में चीन ने कोई घुसपैठ नहीं की : सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (फाइल फोटो)

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शनिवार को कहा कि लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में चीन ने कोई घुसपैठ नहीं की है. रावत ने एक समारोह के इतर कहा, ‘‘कोई घुसपैठ नहीं हुई है.'' जनरल रावत का यह बयान इन रिपोर्टों के बीच आया है कि चीनी जवानों ने छह जुलाई को दलाई लामा के जन्मदिवस के मौके पर कुछ तिब्बतियों द्वारा तिब्बती झंडे फहराए जाने के बाद पिछले सप्ताह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार की है. सैन्य प्रमुख ने कहा, ‘‘चीनी अपनी मानी जाने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा पर आते हैं और गश्त करते हैं... हम उन्हें रोकते हैं. कई बार स्थानीय स्तर पर जश्न समारोह होते हैं. डेमचोक सेक्टर में हमारी ओर तिब्बती जश्न मना रहे थे. इसके आधार पर, कुछ चीनी यह देखने आए कि क्या हो रहा है, लेकिन कोई घुसपैठ नहीं हुई. सब सामान्य है.''

भारत और चीन के सैनिकों ने मिलकर मनाया नए साल का जश्न, लद्दाख में हुई बैठक

दरअसल इससे पहले खबर आई थी कि दलाई लामा के जन्मदिन के मौके पर कुछ तिब्बतियों के अपना झंडा फहराने के बाद चीनी सैनिक पिछले सप्ताह जम्मू कश्मीर के लद्दाख संभाग के डेमचोक सेक्टर में भारतीय भूभाग में पांच किलोमीटर अंदर तक आ गए थे. अधिकारियों ने शुक्रवार को यहां बताया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवान एसयूवी पर सवार होकर छह जुलाई को भारतीय भूभाग के काफी अंदर तक आ गए थे और तिब्बती शरणार्थियों द्वारा झंडा फहराए जाने का विरोध किया.    

चीन और रूस के खिलाफ युद्ध में हार सकता है अमेरिका: संसदीय पैनल 

तिब्बती शरणार्थी दलाई लामा का 84 वां जन्मदिन मना रहे थे. अधिकारियों ने बताया कि भारतीय सेना के जवान भी घटनास्थल पर मौजूद थे और चीनी सैनिकों को और आगे नहीं बढ़ने दिया. भारतीय अधिकारियों ने जब उन्हें आश्वासन दिया कि वे शरणार्थियों के कृत्यों की जांच करेंगे, तो कुछ घंटों के बाद चीनी सैनिक अपनी सीमा में चले गए. गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच एक विवादित सीमा रेखा है और दोनों देशों की सेनाओं के बीच डोकलाम में 2017 में 73 दिनों तक गतिरोध की स्थिति बनी रही थी. 

MoJo: सेना प्रमुख ने कहा, चीन को संभाल सकता है भारत

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com